Home Bihar Aurangabad News : मैग्नीशियम सल्फेट…लाल मिर्च पाउडर और गोवंश की तस्करी, बिहार-यूपी से गुजरनेवाला NH-2 बना सेफ रोड

Aurangabad News : मैग्नीशियम सल्फेट…लाल मिर्च पाउडर और गोवंश की तस्करी, बिहार-यूपी से गुजरनेवाला NH-2 बना सेफ रोड

0
Aurangabad News : मैग्नीशियम सल्फेट…लाल मिर्च पाउडर और गोवंश की तस्करी, बिहार-यूपी से गुजरनेवाला NH-2 बना सेफ रोड

[ad_1]

आकाश कुमार, औरंगाबाद : बिहार से गुजरनेवाले कुछ राष्ट्रीय राजमार्ग पशु तस्करों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। उसमें औरंगाबाद नेशनल हाईवे का नाम भी शुमार है। आए दिन पशु तस्करी की घटनाएं सामने आती है। मुफस्सिल और दाउदनगर थाना इलाके में पशुओं से लदे वाहन को जब्त किया गया। ये उत्तर प्रदेश से चोरी कर बिहार के रास्ते राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 से होते हुए कोलकाता ले जाया जा रहा था। उसे पकड़ लिया गया। कंटेनर से 40 से अधिक गोवंश को बरामद किया गया।

गोवंश की तस्करी रोकने में प्रशासन उदासीन
गौ ज्ञान फाउंडेशन दिल्ली की एक संस्था है, जो जीव-जंतु कल्याण बोर्ड भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है। तस्करी की सूचना पर संस्था की स्वयंसेविका आर लता देवी ने कई इलाकों का दौरा किया। उन्होंने पाया कि मोहनिया, कैमूर, खुरमाबाद, रोहतास, बारुण और औरंगाबाद के कई स्थानों पर ये खेल चल रहा है। कानून की बात करें तो बिहार राज्य पशु संरक्षण एवं सुधार अधिनियम की धारा 4B के अनुसार कोई भी जानवरों को बिहार से बाहर नहीं ले जा सकता है। इस बाबत पशुपालन विभाग के सचिव ने अधिसूचना जारी कर सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है। जिसमें कहा गया है कि पशुओं की तस्करी पर रोक लगाया जाए।

पशु क्रूरता निवारण समिति किसी काम की नहीं
कहने को तो औरंगाबाद में जिला पशु क्रूरता निवारण समिति का गठन हो गया है। इस समिति का काम ही है जिले भर में होने वाले पशुओं के प्रति क्रूरता और पशु तस्करी पर रोक लगाना। लेकिन आज तक इस समिति ने एक भी पशु को न तो जब्त किया और न ही पुनर्वास कराया। सब कागजों पर चलने वाली समितियां हैं। ऐसे में दिल्ली की ये संस्था इन पशुओं के लिए एक रक्षक बनकर उभरी है। देवकुंड में गौशाला का भी निर्माण कराया है। इसके सदस्य आए दिन पशु तस्करों से गोवंश को मुक्त कराते हैं। उनका संरक्षण करते हैं।

तस्करी में मिर्ची और मैग्नीशियम सल्फेट का इस्तेमाल
पकड़े जाने वाले इन ट्रकों में अक्सर पशु तस्कर मिर्ची और मैग्नीशियम सल्फेट का घोल लेकर चलते हैं। गाड़ी के अंदर पशुओं की आंख में मिर्ची डाला जाता है, जिससे वो बैठ नहीं सके। उन्हें मैग्निशियम सल्फेट का घोल पिलाया जाता है ताकि उनका मल-मूत्र बाहर न निकल सके। जिससे पशु तस्कर पकड़ में न आ सके। ऐसे पशुओं को इंजेक्शन भी लगाया जाता है ताकि वो आवाज ना करे। संस्था के अधिवक्ता शशांक शेखर की मानें तो औरंगाबाद में संडा, बारूण, शिवगंज और गोह में अवैध पशु मेले संचालित हैं। ये पशु तस्करी का सबसे बड़ा अड्डा है।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here