Home Bihar Atiq Ahmed Shot Dead: अतीक और अशरफ हत्याकांड के बाद यूपी-बिहार सीमा पर अलर्ट, अफवाह फैलाने वालों पर साइबर सेल की नजर

Atiq Ahmed Shot Dead: अतीक और अशरफ हत्याकांड के बाद यूपी-बिहार सीमा पर अलर्ट, अफवाह फैलाने वालों पर साइबर सेल की नजर

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Atiq Ahmed Shot Dead: अतीक और अशरफ हत्याकांड के बाद यूपी-बिहार सीमा पर अलर्ट, अफवाह फैलाने वालों पर साइबर सेल की नजर

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हाइलाइट्स

सोशल मीडिया पर भड़काऊ चीजें लिखने पर हो हो सकती है कार्रवाई.
अतीक और अशरफ हत्याकांड के बाद साइबर सेल रख रही नजर.

रिपोर्ट- गोविंद कुमार

गोपालगंज. बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह के पोस्ट डाले जा रहे हैं और कॉमेंट किये जा रहे हैं. ऐसे में पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. यूपी-बिहार के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है. यूपी से बिहार में आनेवाली गाड़ियों की सघन तलाशी ली जा रही है. वहीं, जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट लिखने या अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.

गोपालगंज पुलिस कार्यालय की ओर से जारी किये गये रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री डालने या भड़काऊ पोस्ट लिखने और अफवाह फैलाने वाले एक-एक यूजर्स पर नजर रखी जा रही है. वहीं, ऐसे लोगों को चिन्हित करने के बाद आइपीसी की धाराओं के अंतर्गत एफआइआर भी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात खुद सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर मॉनीटरिंग कर रहे हैं. पुलिस कार्यालय से जारी किये गये सूचना के अनुसार सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करना या अफवाह फैलाना साइबर अपराध के तहत आता है. ऐसे यूजर्स के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153ए और आईपीसी की धारा-505 के तहत कार्रवाई हो सकती है.

आपके शहर से (पटना)

क्या कहते हैं कानूनी जानकार

कानून के जानकार सिविल कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता वेदप्रकाश तिवारी बताते हैं कि सोशल मीडिया के जरिये किसी धर्म या जाति की भावनाएं आहत करने या दंगे के लिए उकसाने पर दोषी को आजीवन कारावास तक की सजा मिल सकती है. धर्म, नस्ल, दो समूह, जन्म स्थान या रहने के स्थान या भाषा के नाम पर नफरत फैलाने वाले खिलाफ आईपीसी की धारा-153ए के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है.
वहीं, कोई व्‍यक्ति अगर बोलकर, लिखकर, इशारे से या किसी और तरीके से सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ता है तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट और आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है.

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वेदप्रकाश तिवारी ने बताया कि यह गैरजमानती अपराध होता है. पुलिस आरोपी को तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार कर सकती है. दोषी को तीन साल की जेल हो सकती है और उस पर जुर्माना भी लग सकता है.
वहीं अफवाह फैलाने पर आईपीसी की धारा-505 के तहत भी कार्रवाई हो सकती है. इसमें तीन साल की सजा का प्रावधान है. इधर, यूपी सीमा से सटे कुचायकोट, विशंभरपुर, गोपालपुर, श्रीपुर, विशंभरपुर थाने की पुलिस विशेष चौकसी बरत रही है.

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