Home Bihar Abhay Narayan Demise: अनंत सफर पर चली गई संगीत की स्वर लहरी, ध्रुपद गायकी के स्तंभ पं अभय नारायण का निधन

Abhay Narayan Demise: अनंत सफर पर चली गई संगीत की स्वर लहरी, ध्रुपद गायकी के स्तंभ पं अभय नारायण का निधन

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Abhay Narayan Demise: अनंत सफर पर चली गई संगीत की स्वर लहरी, ध्रुपद गायकी के स्तंभ पं अभय नारायण का निधन

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बिहार के दरभंगा घराने के प्रसिद्ध गायक का निधन हो गया है। संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। घराने के प्रसिद्ध ध्रुपद गायक प. अभय नारायण मल्लिक का निधन हुआ है। मल्लिक कई महीनों से बीमार चल रहे थे। उनका निधन उनके दिल्ली आवास पर हुआ है। संगीत जगत की जानी-मानी हस्तियां उनके निधन से आहत हैं।

अभय नारायण मल्लिक
ध्रुपदा का दरभंगा घराने वाला सितारा अस्त

हाइलाइट्स

  • पं. अभय नारायण का निधन
  • ध्रुपद के स्तंभ का तारा टूट गया
  • ध्रुपद के जाने-माने स्तंभ चल बसे
पटना : बिहार के दरभंगा से संबंध रहने वाले ध्रुपद गायक पं. अभय नाराण मल्लिक के निधन के बाद संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। वे दिल्ली रह रहे थे। काफी दिनों से अस्वस्थ्य चल रहे थे। उनके निधन के बाद संगीतज्ञोंने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। ध्रुपद गायकी के स्तंभ पं अभय नारायण मल्लिक का कल रात निधन हो गया। कालीदास सम्मान और संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड जैसे संगीत के अनेकों सम्मान पाने वाले अभय नारयण ने अपने ग्रेटर नोएडा स्थित निवास स्थान पर आख़िरी सांस ली।

ध्रुपद का सितारा अस्त

शास्त्रीय संगीत के प्राचीनतम शैली ध्रुपद धमार के प्रख्यात गायक पं अभय नारायण मल्लिक 86 साल के थे। जिनका जन्म बिहार के दरभंगा मल्लिक घराने में हुआ। सेनीया परंपरा के गौहारवाणी शैली को गाने वाले पंडित अभय अपने घराने के वरिष्ठ गायक थे। देश-विदेश में अनेकों प्रस्तुति दी थी। अपने संगीत से लोगों का दिल जीता। संगीत में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए बिहार सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और यूपी सरकार ने राजकीय सम्मान से नवाज़ा भी है।

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संगीत जगत में शोक

बिहार सरकार ने उन्हें संगीत में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए “बिहारी हो तो ऐसा “ अवार्ड से नवाज़ा। पं अभय नारायण मल्लिक अपनी चंहुमुखी गायकी के लिए शास्त्रीय संगीत की दुनिया में अलग पहचान रखते थे। उन्होंने गुरू शिष्य परंपरा के तहत कई शिष्य बनाए। उनके पीछे दरभंगा मलिक घराने की 300 वर्षों की परंपरा और उनकी विरासत है। पंडित अभय के निधन से संगीत क्षेत्र में शोक की लहर है। ध्रुपद में पंडित अभय नारायण मल्लिक के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

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