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नालंदा जिले में बिहार पुलिस की टीम ने छापेमारी कर लगभग दो हजार से ज्यादा जिंदा कारतूस को बरामद किया है। एसपी ने बताया कि घर की दीवार में तहखाना बनाकर कारतूस को छिपाकर रखा गया था। आरोपी ये हथियार और कारतूस कहां से लाते थे, इसकी जांच एसआईटी टीम कर रही है।
हथियार-कारतूस कहां से लाए आरोपी, जांच कर रही SIT
एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने धीरज की निशानदेही पर घोसरावां निवासी रामानंदन सिंह के पुत्र राकेश कुमार को भी गिरफ्तार किया है। जबकि अन्य आरोपी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। एसपी ने बताया कि अशोक गिरी का बेटा धीरज गिरी और राकेश अपने अन्य साथियों की मदद से जिले में हथियार और कारतूस की आपूर्ति करता था। वो हथियार और कारतूस कहां से लाता था, इसकी जांच एसआईटी टीम कर रही है।
2008 में बरामद किए थे 5 हजार कारतूस
इसके पहले 2008 में तत्कालीन एसपी विनीत विनायक के नेतृत्व में दीपनगर थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने एक गाड़ी से करीब 5000 कारतूस को बरामद किया था। इस मामले में कुख्यात हथियार तस्कर एस कुमार का नाम सामने आया था। इसे पुलिस ने यूपी से गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के 15 साल बाद इतनी मात्रा में कारतूस और हथियार मिलने से सवाल खड़े हो रहे हैं।
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