Home Bihar हिन्दुओं पर से जजिया कर हटने और लगने की कहानी, बक्सर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सुनाई, जानिए

हिन्दुओं पर से जजिया कर हटने और लगने की कहानी, बक्सर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सुनाई, जानिए

0
हिन्दुओं पर से जजिया कर हटने और लगने की कहानी, बक्सर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सुनाई, जानिए

[ad_1]

बक्सर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत बिहार दौरे पर हैं। बक्सर में उन्होंने दावा किया कि मुगल शहजादा दारा शिकोह को अपने पिता सम्राट शाहजहां के दरबार में शास्त्रार्थ के दौरान काशी के विद्वानों से ‘पराजय’ का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद उसकी हिंदू ग्रंथों में दिलचस्पी जागी। सरसंघचालक एक धार्मिक समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि शाहजहां ने बाद में ‘जजिया’ कर वापस ले लिया था। हालांकि, बादशाह के छोटे बेटे औरंगजेब के सिंहासन पर बैठने पर हिंदुओं पर जजिया कर फिर से लगाया गया।

जजिया कर को लेकर जब मुखालफत पर उतरे हिंदू विद्वान
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जब शाहजहां ने फैसला किया कि ‘तीर्थ यात्रा’ करने वाले या किसी भी प्रकार की सभा आयोजित करने वाले सभी हिंदुओं को जजिया देना होगा, तो काशी के एक विद्वान, जिनका नाम मुझे याद नहीं है, ने समान विचारधारा वाले लोगों को इस कदम को चुनौती देने के लिए एकत्रित किया था। विद्वानों की मंडली ने शाहजहां से मुलाकात की और पूछा कि कर लगाने के पीछे क्या तर्क था? उन्हें सम्राट की ओर से उचित रूप से बताया गया था कि इसका पैसे से कोई लेना-देना नहीं है और धर्म को बनाए रखने का इरादा था।

छह महीने के शास्त्रार्थ के बाद शाहजहां ने मानी हार
मोहन भागवत ने बताया कि काशी के विद्वानों ने तब सम्राट से कहा कि एक शास्त्रार्थ कराएं जिसमें वो उनकी पसंद के विद्वानों के साथ बहस करेंगे। भागवत ने दावा कि शास्त्रार्थ छह महीने तक चला, जिसके बाद शाहजहां ने हार मान ली। भागवत ने अंतिम मुगल सम्राट के बारे में कहा कि अनुभव ने शाहजहां को जजिया वापस लेने के लिए प्रेरित किया था, लेकिन उनके छोटे बेटे औरंगजेब ने भाई की हत्या करके सिंहासन हासिल की। इसके बाद जजिया कर फिर से लगाया गया था। उन्होंने कहा कि ये ज्ञात होना चाहिए कि शास्त्रार्थ ने दारा शिकोह को बहुत प्रभावित किया था, यही कारण है कि उन्होंने उपनिषदों, गीता और रामायण में रुचि ली और फारसी में इनका अनुवाद किया।

बक्सर के ‘सिय-पिय मिलन’ महामहोत्सव में हुए शामिल
संघ प्रमुख बक्सर के रहनेवाले दिवंगत धर्मावलंबी श्रीमन नारायण दास भक्तमाली उपाख्य ‘मामा जी’ के दिवंगत गुरु महर्षि श्री खाकी बाबा सरकार के 53वें निर्वाण के अवसर पर यहां नया बाजार में आयोजित ‘सिय-पिय मिलन’ महामहोत्सव में शामिल हुए। श्री सीता राम विवाह महोत्सव समिति आश्रम की ओर से इस महामहोत्सव का आयोजन किया गया था।

किशोर कुणाल के बेटे की तिलक में की थी शिरकत
मोहन भागवत शुक्रवार शाम को पटना पहुंचे थे। यहां एक शादी समारोह में शामिल हुए। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित बिहार सरकार के कई दिग्गज व्यक्ति शामिल हुए थे। सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल के बेटे के ‘तिलक’ के अवसर पर ये समारोह आयोजित किया गया था। आचार्य किशोर कुणाल को तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने अयोध्या विवाद को लेकर विश्वहिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता करने के लिए विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में नियुक्त किया था।

महावीर मंदिर के प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट के प्रमुख हैं कुणाल
वर्ष 2001 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद कुणाल ने खुद को धार्मिक गतिविधियों के लिए समर्पित कर दिया। पटना के सबसे बड़े मंदिरों में से एक महावीर मंदिर के प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट के प्रमुख बन गए। आचार्य किशोर कुणाल के बेटे की शादी नीतीश कुमार सरकार के सबसे प्रभावशाली मंत्रियों में से एक अशोक चौधरी की बेटी से हो रही है। भागवत एक महीने से भी कम समय में बिहार की अपनी दूसरी यात्रा पर हैं, वे सारण और दरभंगा जिलों का भी दौरा करने वाले हैं।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here