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इसके बाद बनमनखी के रहने वाले मजदूर रमेश यादव सेफ्टी टैंक सफाई करने के लिए अंदर घुसा। अंदर में उसका दम घुटने लगा तो उसके चिखने चिल्लाने पर मकान मालिक मोहम्मद सलीम अंसारी उसे बचाने के लिए सेफ्टी टैंक के अंदर घुसे। अंदर घुसते ही उनका भी दम घुटने लगा। दोनों की चिखने चिल्लाने की आवाज सुन सलीम का दामाद मंजूर अंसारी भी सेफ्टी टैंक में घुस गए। अंदर जाते ही उनका भी दम घुटने लगा।
तीनों की चीखने-चिल्लाने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और तीनों सेफ्टी टैंक से बाहर निकाला। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। सलिम अंसारी और मजदूर रमेश यादव की मौत हो चुकी थी। मंजूर आलम को बेहोशी के हालत में अस्पताल पहुंचाय। जहां उनका इलाज चल रहा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि एंबुलेंस के लिए कई बार कॉल किया गया लेकिन समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचा। अगर समय पर एंबुलेंस पहुंचा होता तो शायद उन लोगों की भी जान बच जाती।
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