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वर्ष 2007 में गये, तो हुए कामयाब
भूषण जानते थे कि किसी भी क्षेत्र में कुछ पाने के लिए विभिन्न बाधाओं से जूझना पड़ता है। फिर वे वर्ष 2007 में मुंबई गये और कामयाब होकर ही लौटे। वे वहां सबसे पहले इस्कॉन से जुड़े। ऑडिशन देते रहे। फिल्मकारों से मिलते रहे। महीनों तक मुंबई में खाक छानते रहे। कभी इसके यहां, तो कभी उसके यहां। इसी दौरान उनकी मुलाकात जाने – माने निर्देशक प्रमोद कपूर से हुई। उनसे फिल्म की बारीकियों को सीखा। फिल्म ‘ लव सब प्यार व्यार ‘ में पहली बार बतौर कलाकार उन्हें काम करने का मौका मिला। इससे एक पहचान मिलने के बाद भूषण फिल्म निर्माता पार्थों घोष के सानिध्य में फिल्म बनाने की बारीकियां सीखे और कई फिल्में भी की।
प्रभात का अब अपना है प्रोडक्शन हाउस
वर्षों संघर्ष के बाद वे अपनी खुद की ‘मुंबा फिल्म प्रोडक्शन हाउस ‘ स्थापित किये। बताया कि इस बैनर तले कई फिल्में व एलबम का निर्माण कर चुके हैं। वे फिलहाल ‘ 30 जनवरी ‘ नामक फिल्म बना रहे हैं, जो अब अंतिम चरण में है। कोरोना समेत अन्य बाधाओं के चलते बीच में फिल्म का निर्माण धीमा हो गया था। यह सस्पेंस फ़िल्म है। फिल्म में गीतों को स्वर दिया है जाने-माने पार्श्व गायक उदित नारायण ने। संगीतकार है अमजद बागवाह। गीत लिखा है नवाब आरजू ने। राकेश रंजन के निर्देशन में बन रही इस फ़िल्म के नायक अमिताभ शिवदासिनी हैं। “30 जनवरी” एक संस्पेंस थ्रिलर फिल्म है। इस फ़िल्म में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का मर्डर हो जाता है। क़ातिल पकड़ा भी जाता है। फिर भी फ़िल्म के अंत तक एक गहरा रहस्य बना रहता है कि इसके पीछे किसका हाथ है। मूल रूप से फ़िल्म एक कॉलेज के पांच स्टूडेंट्स पर आधारित है। कथानक कॉलेज लाइफ के इर्द-गिर्द घूमता है। बताया कि 2008-09 में मुंबई में हुए बम ब्लास्ट कांड से जुड़ी यादों से फ़िल्म की शुरुआत होती है।
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