Home Bihar सिवान के ग्रामीण परिवेश में रहकर तैयारी करने वाले छात्र ने रचा इतिहास, जानिए आईआईटी मेन्स में कैसे पाई सफलता

सिवान के ग्रामीण परिवेश में रहकर तैयारी करने वाले छात्र ने रचा इतिहास, जानिए आईआईटी मेन्स में कैसे पाई सफलता

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सिवान के ग्रामीण परिवेश में रहकर तैयारी करने वाले छात्र ने रचा इतिहास, जानिए आईआईटी मेन्स में कैसे पाई सफलता

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सिवान: किसी ने सच कहा है कि कुछ पाने की ललक हो। जज्बा हो और साथ में जुनून हो। कठोर मेहनत करने का माद्दा हो। सफलता कदम चुमती है। सिवान के छात्र ने अपनी ईमानदारी से की गई मेहनत के बदौलत इतिहास रच दिया है। जी हां, ये छात्र हैं प्रथम राज। जिन्होंने आईआईटी मेन्स में सफलता पाई है। सिवान जिले के जुड़कन गांव के रहने वाले होनहार छात्र प्रथम राज की चर्चा चारों तरफ हो रही है। प्रथम ने पढ़ाई के लिए ना तो कोटा का रुख किया। ना ही किसी बड़ी कोचिंग का सहारा लिया। प्रथम ने 98 फीसदी नंबर लाकर जिले का नाम रोशन किया है। आइए जानते हैं प्रथम राज के सफलता की कहानी।

पिता को बेटे पर गर्व है

प्रथम राज सिवान कोर्ट में वकालत करने वाले अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष पंकज सिंह के बेटे हैं। प्रथम की माता स्कूल में शिक्षिका हैं। प्रथम ने अपने पहले प्रयास में ही सफलता पाई है। बचपन से लगन के साथ पढ़ाई करने वाले प्रथम की इस सफलता से माता-पिता आश्चर्य में नहीं हैं। उन्हें पता था कि उनका बेटा ऐसा करेगा। क्योंकि प्रथम ज्यादातर समय मन लगाकर पढ़ाई करता था। बचपन से पढ़ने में तेज रहे प्रथम ने सिवान के डीएवी स्कूल से शिक्षा ली है। 12वीं की परीक्षा में भी प्रथम ने टॉप किया था। जिससे प्रदेश का नाम रोशन हुआ था।

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प्रथम ने की जमकर तैयारी

12वीं की परीक्षा के बाद प्रथम ने आईआईटी पर फोकस किया। प्रथम ने सिस्टमैटिक ढंग से तैयारी की। उसके अलावा सभी सबजेक्ट को ध्यान से पढ़ा। आईआईटी के पैटर्न को अच्छे से अध्ययन करने के बाद प्रथम ने अपनी तैयारी के लिए जमकर मेहनत की। प्रथम को 2022 में भी सफलता मिली थी। कंप्यूटर कटेगरी में इंजीनियरिंग नहीं मिलने की वजह से प्रथम ने आईआईटी में नामांकन नहीं कराया। उसके बाद इस बार प्रथम को मनचाहा नंबर मिला है।

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‘मेरा नाम करेगा रोशन’

प्रथम का आईआईटी की तैयारी करने वालों को यही संदेश रहा कि अपनी लगन और मेहनत पर भरोसा करना चाहिए। आपका बेस मजबूत होना चाहिए। आप यदि अपने बेस को मजबूत रखते हैं तो आपको सफलता मिलने से कोई नहीं रोक सकता। इसके लिए आपको 10वीं और 12वीं में बेहतर परफार्म करना होगा। आपको रेगुलर अध्ययन पर ध्यान देना होगा। ज्यादा से ज्यादा सवालों के जवाब देने होंगे। प्रैक्टिस जारी रखना होगा। प्रथम ने कहा कि आईआईटी में बहुत सारे बच्चों के बीच आपको परीक्षा क्लियर करनी होती है। प्रथम का लक्ष्य है कि वो दिल्ली, कानपुर और वाराणसी में अपना नामांकन कराए।

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गांव का नाम रोशन करेगा प्रथम

प्रथम का ये भी लक्ष्य है कि वो यूपीएससी कंपलीट करे। प्रथम इसके लिए पूरी तैयारी करने में जुटा हुआ है। प्रथम का कहना है कि अपने नाना दीनानाथ सिंह का नाम रोशन करना है। प्रथम के दादा डॉक्टर हेमंत सिंह हथुआ, गोपालगंज में चिकित्सक के रूप में कार्यरत हैं। दादी गांव की उप,मुखिया रह चुकी हैं। प्रथम के परिवार और रिश्तेदारी में लोग बड़े पदों पर कार्यरत हैं। प्रथम का कहना है कि वो चाहता है कि आने वाले दिनों में वो अपने परिवार और गांव का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करे।

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