Home Bihar मुआवजा या पुलिस की बर्बरता, जानें क्या है बक्सर में किसानों के आंदोलन और उपद्रव की वजह

मुआवजा या पुलिस की बर्बरता, जानें क्या है बक्सर में किसानों के आंदोलन और उपद्रव की वजह

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मुआवजा या पुलिस की बर्बरता, जानें क्या है बक्सर में किसानों के आंदोलन और उपद्रव की वजह

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हाइलाइट्स

बुधवार को बिहार के बक्सर जिले में जमकर उपद्रव हुआ
बक्सर जिले के चौसा में आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया
चौसा में पुलिस की कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया

बक्सर. बक्सर जिले के चौसा में बुधवार को जमकर उपद्रव हुआ. इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई जिसके बाद पुलिस की कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया. बक्सर में हुई इस घटना की दो वजहें सामने आ रही हैं. दरअसल चौसा में बन रहे थर्मल पावर के कार्य को किसानों ने उचित मुआवजा नहीं मिलने के बाद से रोक दिया था जिसके बाद बुधवार से किसान आंदोलित हो गए और जमकर आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन किया.

मामला भूमि अधिग्रहण को लेकर के जुड़ा हुआ है. दरअसल बक्सर जिले के चौसा में 2018 से 1320 मेगा वाट थर्मल का निर्माण कार्य चल रहा है. इसमें 660 मेगावाट के दो यूनिट को तैयार किया जा रहा है जिसमें एक यूनिट 660 मेगा वाट को 2023 में हर हाल में चालू करना है. इसके लिए तेजी से वाटर पाइप लाइन बिछाने का काम और रेल कॉरिडोर का काम तेजी से कंपनी ने कराना चाहा लेकिन मुआवजे को लेकर किसानों में असंतोष है. इसे लेकर बुधवार को किसान आक्रोशित हो गए और जमकर आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन किया.

पुलिस की बर्बरता पूर्ण कार्रवाई को लेकर आंदोलित हुए किसान !

बक्सर पुलिस पर किसानों के ऊपर बर्बरता पूर्ण कार्रवाई किए जाने का आरोप लगा है जिसके बाद से एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें देखा जा रहा है कि पुलिस किस तरह से रात में घर में घुसकर बच्चे औरतों और बुजुर्गों पर लाठियां बरसा रही है, जिससे किसान काफी आक्रोशित थे.

उचित मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं किसान

आंदोलन कर रहे किसानों ने बताया कि चौसा में एसजेवीएन के द्वारा पावर प्लांट के लिए उनकी भूमि का अधिग्रहण 2010-11 से पहले ही किया गया था. उस समय किसानों को 2010-11 के अनुसार मुआवजे का भुगतान किया गया था. दोबारा जब कंपनी ने 2022 में किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की कार्रवाई शुरू की तो अब किसान वर्तमान दर के हिसाब से अधिग्रहण की जाने वाली जमीन का मुआवजा मांग कर रहे हैं, जबकि कंपनी पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जबर्दस्ती जमीन अधिग्रहण कर रही है. इसके विरोध में पिछले 2 महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं. इसी बीच मंगलवार की देर रात पुलिस ने जब घर में घुसकर महिला पुरुष और बच्चों पर बर्बरता पूर्ण लाठियां बरसाईं तो किसान आक्रोशित हो उठे थे.

कई गाड़ियों को किया गया आग के हवाले

पुलिस की इस कार्रवाई के बुधवार को किसान पावर प्लांट परिसर के आसपास इकट्ठा हुए थे. पुलिसिया कार्रवाई किए जाने के बाद किसान आंदोलित हो गए और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. वहीं इस घटना के बाद शाहाबाद रेंज के डीआईजी नवीन चंद्र झा मौके पर पहुंचे और और उन्होंने कार्रवाई करते हुए मुफस्सिल थानाध्यक्ष सहित दोषी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया है.

पुलिस मुख्यालय ने लिया संज्ञान

पुलिस के मुताबिक बक्सर में निर्माणाधीन पावर प्लांट पर स्थानीय लोगों के हंगामा मारपीट में 10 पुलिसकर्मी अभी तक घायल हुए हैं. इस मामले में धारा 147, 148, 149, 341, 323, 307, 353, 387 आईपीसी धारा के तहत 24 नामजद और 250 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस हमले में दो पुलिसकर्मी की हालत गंभीर है. राज्य सरकार के निर्देश पर घटनास्थल पर डीआईजी, जिलाधिकारी और एसपी कैंप कर रहे हैं. इस मामले में राज्य पुलिस मुख्यालय का कहना है कि 1000 से अधिक लोगों ने हमला किया था जिनकी पहचान की जा रही है. अभी तक तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

टैग: बिहार के समाचार, बक्सर न्यूज

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