[ad_1]
रिपोर्ट- सिद्धांत राज
मुंगेर. बिहार में लंबे समय से शिकायतें आ रही थी कि जन वितरण प्रणाली (PDS) के तहत गरीब लोगों के बीच बांटे जाने वाले चावल खाने लायक नहीं होते हैं. कारण यह कि यहां के लोग उसना चावल खाना पसंद करते हैं, जबकि पीडीएस से लोगों को अरवा चावल ही दिया जाता था. इसकी गुणवत्ता कम रहती थी. लिहाजा या तो लाभुक यह चावल पीडीएस डीलर को ही 12 से 14 रुपए किलो की दर से बेच देते थे या फिर जब वे चावल लेकर घर आते थे तो गांव-गांव में घूमने वाले छोटे-छोटे व्यवसायी उनसे अरवा चावल लेकर या तो उसना चावल दे देते थे या फिर उन्हें पैसे दे देते थे. अब यह शिकायत दूर होने जा रही है. मुंगेर में भी पीडीएस के तहत अनाज बांटने के लिए अब उसना चावल का बड़ा प्लांट लगाया जा रहा है. जल्द ही इससे धान की कुटाई शुरू हो जाएगी.
थाईलैंड से मंगाई गई उसना चावल तैयार करने वाली मशीन
नव स्थापित बाबा पंचमुखी नाथ एग्रो उसना चावल मिल के मालिक व पार्टनर राजेश कुमार, सन्नी कुमार, संतोष कुमार साह, राजेश कुमार गुप्ता, रंजीत कुमार साह, मोहन कुमार ने बताया कि इस उसना राइस मिल को स्थापित करने में करोड़ों रुपया खर्च हुआ है. इस मिल में लगने वाली मशीन को थाईलैंड से मंगवाया गया है. जिसका सेटअप लगभग तैयार हो चुका है. उद्घाटन के बाद जिलेभर के सभी पैक्स समितियों से धान लेकर उसका उसना चावल तैयार किया जाएगा. यहां तैयार चावल एसएफसी और पीडीएस दुकानदार होते हुए लाभुकों को मिलेगा.
मुंगेर में 95 फीसदी लोग खाते हैं उसना चावल
मिल मालिकों ने बताया कि मुंगेर जिले में लगभग 95 प्रतिशत लोग उसना चावल खाना ही पसंद करते हैं. दूसरी ओर, लाभुकों को जब से पता चला है कि आने वाले दिनों में उन्हें पीडीएस से उसना चावल दिया जाएगा, तब से वे लोग भी खुश हैं. लोग कहते हैं कि अब हमें अरवा चावल बदलकर उसना नहीं लेना पड़ेगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
टैग: बिहार के समाचार, मुंगेर खबर
प्रथम प्रकाशित : 17 दिसंबर, 2022, शाम 5:40 बजे IST
[ad_2]
Source link