Home Bihar मदरसा बोर्ड से पास करने वाले विद्यार्थी भी दे सकेंगे इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षा

मदरसा बोर्ड से पास करने वाले विद्यार्थी भी दे सकेंगे इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षा

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मदरसा बोर्ड से पास करने वाले विद्यार्थी भी दे सकेंगे इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षा

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उधव कृष्ण
पटना. मदरसा शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थी मौलवी (प्लस टू) परीक्षा देने के बाद इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षा में शामिल हो सकें, इसके लिए पहली बार भौतिकी, गणित, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, गृहविज्ञान, अर्थशास्त्र आदि की परीक्षाएं ली जा रही है. बोर्ड द्वारा पहली बार मौलवी की परीक्षा को चार संकायों में बांटा गया है. इसमें मौलवी विज्ञान, मौलवी कला, मौलवी वाणिज्य और मौलवी इस्लामियात शामिल है. सभी संकायों की परीक्षा आठ-आठ सौ अंकों की होगी. इसमें दो भाषा की परीक्षा और तीन मुख्य विषय शामिल होगा.

भाषा के तौर पर छात्रों को दिनियत, अरबी, पर्सियन, अंग्रेजी और हिंदी भाषा शामिल है. इसमें से कोई दो भाषा छात्रों को चयन करना है. इसके अलावा विज्ञान, कला, वाणिज्य व इस्लामियात के विभिन्न विषयों में तीन मुख्य विषय के तौर पर छात्रों को लेना होगा. मौलवी विज्ञान वाले छात्र, भौतिकी विज्ञान वाले छात्र भौतिकी, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान या गणित लेंगे. गणित व जीव विज्ञान में से एक विषय लेनी होगी.

प्रश्न पत्र पैटर्न की जानकारी देगा बोर्ड
बोर्ड का कहना है कि विद्यार्थियों को समय से प्रश्न पत्र पैटर्न की जानकारी मिले, इसके लिए सैंपल पेपर जारी किया जाएगा. इससे पहले बोर्ड ने नए सिलेबस की जानकारी वेबसाइट पर डाल दिया है. किस विषय में कितने चैप्टर हैं और कितने अंक और प्रश्न होंगे. इसकी जानकारी बोर्ड द्वारा दी गई है. सिलेबस के अलावा अब बोर्ड सैंपल पेपर भी जारी करेगा. बता दें कि मार्च से अप्रैल तक रमजान महीना होने के कारण फोकानिया और मौलवी की परीक्षा 15 मई के बाद होने की संभावना है.

सिलेबस बदलने से बढ़ी छात्रों की संख्या
मदरसा बोर्ड ने मौलवी सिलेबस और परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया तो छात्रों की संख्या भी बढ़ने लगी है. इस बार 1.50 लाख से अधिक छात्रों ने मौलवी में रजिस्ट्रेशन करवाया था. अभी परिक्षार्थियों को परीक्षा फॉर्म भरवाया जा रहा है. मदरसा में फोकानिया और मौलवी में नामांकन भी दो साल में बढ़ी है. पहले सिलेबस में केवल उर्दू विषय ही शामिल होने के कारण मौलवी की परीक्षा में छात्र ड्रॉपआउट हो जाते थे. फोकानिया करने के बाद छात्र बिहार बोर्ड की तरफ शिफ्ट हो जाते थे. लेकिन अब ड्रॉपआउट नहीं होते हैं.

आपके शहर से (पटना)

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