Home Bihar भ्रम में न रहें, पार्टी कभी याचक की भूमिका में नहीं रहेगी… बिहार में ‘भारत जोड़ो’ से पहले कांग्रेस नेता का बड़ा बयान

भ्रम में न रहें, पार्टी कभी याचक की भूमिका में नहीं रहेगी… बिहार में ‘भारत जोड़ो’ से पहले कांग्रेस नेता का बड़ा बयान

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भ्रम में न रहें, पार्टी कभी याचक की भूमिका में नहीं रहेगी… बिहार में ‘भारत जोड़ो’ से पहले कांग्रेस नेता का बड़ा बयान

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पटना: लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव में अभी भले ही बड़ा वक्त हो, लेकिन भारत जोड़ो पदयात्रा के जरिए कांग्रेस ने बिहार में न केवल खुद को मजबूत करने की योजना बनाई है, बल्कि कहा जा रहा है कि कांग्रेस इस यात्रा के जरिए गठबंधन दलों को अपनी हैसियत का भी एहसास कराना चाह रही है। यात्रा से पहले कांग्रेस के प्रवक्ता आसित नाथ तिवारी ने बड़ा बयान दिया है। आसित नाथ तिवारी ने कहा कि यह साफ है कि इस यात्रा का मकसद बड़ा है। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह लोगों के बांटने की राजनीति हो रही है, उससे लोगों को अगाह करना भी कांग्रेस का दायित्व है। उन्होंने इशारों में गठबंधन नेताओं से कहा कि कांग्रेस सबसे पुरानी पार्टी है। ऐसे में किसी को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि कांग्रेस कभी याचक की भूमिका में रहेगी।

दरअसल बिहार की कांग्रेस पिछले कई सालों से राजद के साए से बाहर नहीं निकल पाई है। ऐसे में कांग्रेस इस यात्रा के जरिए राजद के साए से बाहर निकलने की छटपटाहट में है। कांग्रेस के नेता भी अन्य राज्यों में इस यात्रा की सफलता से उत्साहित हैं। बिहार में 5 जनवरी से प्रारंभ हो रही कांग्रेस की भारत जोड़ो पदयात्रा की सफलता को लेकर तैयारी भी जोरशोर से कर रही है।

5 से 10 जनवरी तक बिहार में रहेगी भारत जोड़ो यात्रा

कांग्रेस प्रवक्ता आसित नाथ तिवारी बताते हैं कि 5 जनवरी से शुरू होने वाली भारत जोड़ो पदयात्रा 10 जनवरी तक बांका, भागलपुर, और खगड़िया में रहेगी। यात्रा प्रारंभ होने के पूर्व कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में एक जनसभा होगी। 5 जनवरी को पहले दिन बांका में साढ़े सात किलोमीटर की यात्रा तय होगी।

बिहार में फ्रंटफुट पर बल्लेबाजी करने को आतुर कांग्रेस

कांग्रेस के नेताओं के बयानों से साफ है कि कांग्रेस अब बिहार में फ्रंटफुट पर बल्लेबाजी करने को आतुर है। बीते कुछ वर्षों में जिस प्रकार से सहयोगी दलों की ओर से चुनाव में सीट देने में अनदेखी की गई, पार्टी अब आने वाले दिनों में सीटों के मसले पर समझौता नहीं करेगी। तिवारी कहते भी हैं कि कांग्रेस अपनी इस सोच को अमली जामा पहनाने के लिए आगे की रणनीति पर काम कर रही है। बहरहाल, जो भी हो कांग्रेस अपनी इस यात्रा के जरिए बिहार में एक तीर से कई निशाने साधने की फिराक में है, अब देखने वाली बात होगी कि उसमें इसे कितनी सफलता मिलती है।िस

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