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डीजे चालक अनिरुद्ध की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई और उसके बाद जो कुछ हुआ वह सबके सामने है। पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगा भीड़ ने 7 घंटे तक थाना को कब्जे में रखा। इस दौरान गाड़ियां फूंकीं, थाना जलाया और एक हवलदार की भी हत्या कर दी गई। हालांकि पुलिस की ओर से बताया जा रहा है कि अनिरुद्ध को किसी ने एक हाथ नहीं लगाया। उसकी मौत मधुमक्खियों क काटने से हुई है।
बेतिया एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने मीडिया के सामने बयान देते हुए कहा- ‘थाने के कैम्पस में ही मधुमक्खियों ने छत्ता लगा रखा था, मधुमक्खियों ने आरोपी को काट लिया। इसके बाद थाने की टीम आरोपी को फौरन इलाज के लिए सिकटा पीएचसी ले गए। जिस समय मधुमक्खियों ने अनिरुद्ध को काटा उस वक्त युवक के जानने वाले और उसी गांव के कई लोग वहां मौजूद थे। पुलिस की पिटाई से मौत का भ्रम फैलाया गया है।’
वहीं हवलदार की मौत के बारे में घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मी बता रहे हैं कि हवलदार राम जतन सिंह की हत्या भीड़ ने उनकी ही बंदूक छीन कर गोली मारकर कर दी है।
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घायल पुलिसकर्मी पारस यादव ने बताया- ‘जिस युवक अनिरुद्ध की मौत हुई, उसे किसी ने एक हाथ भी नहीं मारा। लेकिन लोगों की भीड़ ने थाने पर हमला बोल दिया। हम लोग भाग कर अपने कमरे में गए। वहां कुछ लोगों ने हवलदार रामजनत सिंह के हाथ से उसकी राइफल छीनीं और उसे गोली मार दी। फिर हम लोग छत से कूद कर भागे।’

खैर किसी तरह बवाल तो शांत हो गया है लेकिन अपने पीछे बर्बादी की ऐसी कहानी लिख गया है जो वर्षों तक याद रखी जाएगी। हंगामा, आगजनी और मौत के बाद अब पुलिस कार्रवाई में जुट गई है। सैकड़ों की संख्या में पहुंची पुलिस टीम देर रात से छापेमारी कर उपद्रवियों को गिरफ्तार करने में जुट गई। अबतक 14 से अधिक लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस लोगों को घर से उठा रही है।
हिरासत में लिए जा रहे युवकों में से एक रंजीत पटेल का कहना है- ‘पुलिस ने एक ही परिवार के चार-चार लोगों को उठा लिया है, जिनकी निर्मम पिटाई भी की जा रही है। जो आता है वो लात घूंसे मारकर चला जाता है। पिटाई से किसी का हाथ टूट गया है तो किसी के पैर से खून निकल रहा है। हम लोग निर्दोष हैं, अगर हमने कुछ किया होता तो हम अपने घर में सो नहीं रहे होते। पुलिस न हमें हमारे भाइयों के साथ सोते समय उठाया और ले आई।’

बवाल के बाद पुलिस के उग्र रूप को देख कर अब बलथर और आर्या नगर गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव छोड़कर लोग भाग गए हैं। तो मृत चालक अनिरुद्ध के घर पर भी कोई परिवार को ढांढस देने वाला भी नहीं है। बवाल, मौत और बर्बादी के बाद मधुमक्खी की भूमिका की जांच भी होगी कि आखिर बीस फीट ऊपर थाने की दीवार पर लगे मधुमक्खी ने सिर्फ अनिरुद्ध को ही क्यों काटा। क्या सच में उसकी मौत मधुमक्खी के काटने से हुई है या फिर पुलिस अपनी किसी गलती को छिपाने के लिए सारा दोष मधुमक्खी पर मढ़ रही है।
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सवाल यह भी है कि होली में डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश किसने दिया और क्यों? पुलिस डीजे और उसके चालक को पकड़ कर थाने लाई जिसके कारण इतना बड़ा बवाल हुआ। ऐसे कई सवाल हैं, जिसका जवाब फ़िलहाल ना तो प्रशासन के पास है और न लोगों के पास, जिसके कारण एक डीजे चालक का परिवार बिखर गया और ना ही उनलोगों के पास जिनके कारण एक हवलदार की ऑन ड्यूटी मौत हो गई।

बेतिया में बवाल
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