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नाबार्ड/जीविका दीदियों की मदद

बताया गया है कि बथनाहा प्रखंड के बखरी पंचायत की चांदनी स्वयं सहायता समूह सेनेटरी नैपकिन का प्रोडक्शन कर रही हैं। समूह में 10 महिलाएं शामिल है। नाबार्ड एवं जीविका दीदियों के परस्पर सहयोग से समूह की महिलाएं सेनेटरी नैपकिन बनाने की दिशा में कदम रखी है।
माई पैड माई राइट

नाबार्ड द्वारा उद्यमी विकास योजना के तहत चांदनी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने के लिए सेनेटरी नैपकिन बनाने की मशीन स्थापित की गई है। इस परियोजना का नाम दिया गया है ‘माई पैड माई राइट’। बताया गया है कि परियोजना की कुल लागत ₹638632 है, जिसमें से एक लाख रुपये 10 जीविका दीदीयों के द्वारा कॉन्ट्रिब्यूट किया गया है। शेष राशि नावार्ड के सहयोग से दिया गया है।
डीएम ने लिया परियोजना का जायजा

डीएम मनेश कुमार मीणा ने भी इस परियोजना का जायजा लिया है। उन्होंने महिलाओं से खर्च, आय और अन्य विषयों के बारे में जानकारी ली। इसी दौरान यह जानकारी दी गई कि मशीन की स्थापना से समूह को प्रतिमाह करीब 70 हजार रुपये की आमदनी होगी।
डीएम ने की महिलाओं की सराहना

महिलाओं ने मशीन से नैपकिन बनाकर भी डीएम को दिखाया। यह सब देखने एवं जानने के बाद डीएम ने महिलाओं की सराहना की और जीविका दीदियों से कहा कि नैपकिन के उपयोग को लेकर जागरुकता अभियान भी चलाने की जरूरत है। यह स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। नाबार्ड के डीडीएम संजय कुमार चौधरी ने डीएम को मशीन एवं नैपकिन बनाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। मौके पर जिला जनसंपर्क अधिकारी कमल सिंह एवं जीविका के डीपीएम उमाशंकर भगत भी मौजूद थे।
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