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बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा आखिर क्यों हुए सरकार पर नाराज?

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बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा आखिर क्यों हुए सरकार पर नाराज?

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पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा सदन में ज्वलंत मुद्दों पर बहस नहीं कराने से नाराज हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि विधानसभा के चालू सत्र में सरकार द्वारा जनहित के मुद्दों की उपेक्षा किया जाना लोकतंत्र के लिए अशुभ है। सिन्हा ने कहा कि बिजली दर में वृद्धि, कांटी में एक युवक की हत्या मामले में मंत्री इजराइल मंसूरी की भूमिका की जांच, गन्ना किसानों के फसल के लिये दर का निर्धारण, शिक्षकों की बहाली, बेरोजगार कनीय अभियंताओं के परीक्षाफल प्रकाशन के बाद उसे रोक दिया जाना जैसे कई मुद्दे को भाजपा ने कई बार सदन में उठाकर उस पर बहस की मांग की। सरकार ने इन सब को खारिज कर दिया।

विजय सिन्हा ने लगाया आरोप

सिन्हा ने कहा कि मंगलवार को राजकीय विधेयक संबंधी कार्य में सरकार के द्वारा मात्र एक विधेयक बिहार नौकाघाट बंदोबस्ती एवं प्रबंधन विधेयक 2023 द्वितीय पाली में लाया गया जिसे 30-35 मिनट में पास करा कर सदन स्थगित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि 3 अप्रैल को भी राजकीय विधेयक के लिए समय निर्धारित है, लेकिन राजकीय कार्य के अभाव के कारण अभी तक किसी दूसरे विधेयक को सदस्यों के बीच परिचारित नहीं कराया गया।

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सदन में मुद्दों पर बहस नहीं-नेता प्रतिपक्ष

सिन्हा ने कहा कि संविधान में प्रावधान है कि सदन के सत्र आहूत करने में 6 माह से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए। सरकार इसमें भी खानापूर्ति कर सत्र को आहूत कर देती है, लेकिन राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर बहस नहीं कराती है। यह साबित करता है कि सरकार मात्र संवैधानिक बाध्यता के कारण सदन चला रही है। सिन्हा ने साफ लहजे में कहा कि सरकारी कार्य के अभाव के कारण सरकार ने सदन का तमाशा बना दिया है। उन्होंने कहा कि अब सत्र समापन में मात्र तीन बैठके बची है । ऐसे में सरकार से बिजली दर में वृद्धि एवं राज्य में बढ़ रही हत्या, अपराध, भ्रष्टाचार एवं युवाओं की नियुक्ति जैसे विषयो पर विशेष बहस कराने की मांग करते है, जिससे सदन के समय का सदुपयोग हो सके।

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