[ad_1]
विजय सिन्हा ने लगाया आरोप
सिन्हा ने कहा कि मंगलवार को राजकीय विधेयक संबंधी कार्य में सरकार के द्वारा मात्र एक विधेयक बिहार नौकाघाट बंदोबस्ती एवं प्रबंधन विधेयक 2023 द्वितीय पाली में लाया गया जिसे 30-35 मिनट में पास करा कर सदन स्थगित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि 3 अप्रैल को भी राजकीय विधेयक के लिए समय निर्धारित है, लेकिन राजकीय कार्य के अभाव के कारण अभी तक किसी दूसरे विधेयक को सदस्यों के बीच परिचारित नहीं कराया गया।
सदन में मुद्दों पर बहस नहीं-नेता प्रतिपक्ष
सिन्हा ने कहा कि संविधान में प्रावधान है कि सदन के सत्र आहूत करने में 6 माह से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए। सरकार इसमें भी खानापूर्ति कर सत्र को आहूत कर देती है, लेकिन राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर बहस नहीं कराती है। यह साबित करता है कि सरकार मात्र संवैधानिक बाध्यता के कारण सदन चला रही है। सिन्हा ने साफ लहजे में कहा कि सरकारी कार्य के अभाव के कारण सरकार ने सदन का तमाशा बना दिया है। उन्होंने कहा कि अब सत्र समापन में मात्र तीन बैठके बची है । ऐसे में सरकार से बिजली दर में वृद्धि एवं राज्य में बढ़ रही हत्या, अपराध, भ्रष्टाचार एवं युवाओं की नियुक्ति जैसे विषयो पर विशेष बहस कराने की मांग करते है, जिससे सदन के समय का सदुपयोग हो सके।
पढ़ें लेटेस्ट की ताजा खबरें लोकप्रिय की हिंदी वेबसाइट नवभारत टाइम्स पर
[ad_2]
Source link