Home Bihar बिहार में सट्टेबाजी का प्रमुख सेंटर बना राज्य का सीमांचल इलाका, जानिए कैसे हो रहा है आईपीएस में सट्टेबाजी का खेल

बिहार में सट्टेबाजी का प्रमुख सेंटर बना राज्य का सीमांचल इलाका, जानिए कैसे हो रहा है आईपीएस में सट्टेबाजी का खेल

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बिहार में सट्टेबाजी का प्रमुख सेंटर बना राज्य का सीमांचल इलाका, जानिए कैसे हो रहा है आईपीएस में सट्टेबाजी का खेल

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कटिहार: बिहार के कटिहार जिले में पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। पुलिस को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। कटिहार पुलिस ने आईपीएल पर सट्टेबाजी करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से नगदी के अलावा दर्जनों की संख्या में मोबाइल बरामद किया गया है। कटिहार पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया है। आरोपियों के पास से साढ़े चार लाख से अधिक नगदी और एक विशेष डायरी भी जब्त की गई है। बताया जा रहा है कि सहायक थाने को सूचना मिली थी कि कई इलाके में आईपीएल को लेकर सट्टेबाजी चल रही है। पुलिस ने सूचना के बाद ललियाही मोहल्ले से दो और डेहरिया और अरगड़ा चौक से एक-एक सट्टेबाज को गिरफ्तार किया।

कैसे चल रहा था रैकेट

जानकारी के मुताबिक जिले में सट्टेबाजों का एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक फैल चुका है। ये सट्टेबाज सभी जगहों पर अपना एक नेटवर्क तैयार कर रखा है। आईपीएल के मैचों में सट्टेबाजी को लेकर आईडी उपलब्ध करवाता है। जिसके लिए मोबाइल, लैपटॉप और एप की जानकारी रखने वाले युवा इस काम को अंजाम दे रहे हैं। लोग इस सट्टेबाजी में फंसकर लाखों रुपये बर्बाद कर रहे हैं। ये सट्टेबाज का गिरोह जिले में काफी सक्रियता से काम कर रहा है। जो बंद कमरे में चोरी छिपे इसे चला रहा है। जहां तक पहुचना पुलिस के लिए शायद संभव नहीं है। क्योंकि इन सट्टेबाजों का नेटवर्क काफी मजबूत है।

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आईपीएल में कैसे लगाया जाता है सट्टा

सट्टेबाजी का खुलासा करने के बाद नवभारत टाइम्स की टीम ने पड़ताल करने की कोशिश की के आखिर ये सट्टेबाज काम कैसे करते हैं? उसके लिए हमने जिले के कई मोहल्लों का दौरा किया। जहां कई युवा मैच के दौरान मोबाइल पर सट्टेबाजी करते नजर आए। जानकर हैरानी हुई कि इस सट्टेबाजी में 15 साल के युवा भी जिनके पास मोबाइल था को भी इसे सट्टे में पैसे लगाते नजर आए। हमने जानना चाहा कि आख़िर सट्टेबाजी लगाई कैसे जाती है। उसके बाद एक सट्टेबाज ने बताया कि सट्टे में एक आईडी लेनी पड़ती है। जिसको लेने के लिए एक हजार रुपये देने पड़ते हैं।
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आईडी से होती है सट्टेबाजी

आईडी बनाने के लिए आईडी लेने वाले का बैंक डिटेल उस मोबाइल से जुड़ा होना चाहिए। उसके बाद पैसा मिलते ही एक आईडी सट्टेबाजों की ओर से जारी की जाती है। जिसमे आईपीएल के मैच शुरू होने के बाद काम करता है। मैच के समय ये सट्टा लगाया जाता है। हर एक गेंद, चौके, छक्के और विकेट के अलावा रन का रेट अलग होता है। पचास रन और सौ बनाने को लेकर भी सट्टा लगाया जाता है। कौन खिलाड़ी कितना रन बनाएगा इसको लेकर भी सट्टा लगता है। उसके बाद आईडी लेने वाले को हार जाने के बाद पैसे देने पड़ते हैं। जीतने के बाद उसके अकाउंट में पैसा चला जाता है।

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क्या कहती है पुलिस

एसडीपीओ ने कहा कि पुलिस ने अभियान चलाकर सट्टेबाजी के मास्टरमाइंड के साथ अन्य को गिरफ्तार किया गया है। एसडीपीओ ने बताया की छापेमारी अभियान के दौरान 4 लाख 65 हजार रुपए के साथ तीन लैपटॉप, 16 मोबाइल, दो टैब, 11 पासबुक, 8 एटीएम कार्ड, दो क्रेडिट कार्ड बरामद हुआ है। उसके अलावा दुर्गा साह, अमित पासवान, नारायण तिवारी और चुनना नायक को गिरफ्तार किया गया है। सट्टेबाज गिरोह के उद्भेदन के बाद पुलिस इसे बड़ी उपलब्धि मान रही है‌। वही एसडीपीओ ने बताया कि इस मामले के उद्घाटन को लेकर गठित टीम में नगर थाना अध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह, आलोक कुमार, शिव शंकर कुमार, साहेब कुमार, स्नेहा कुमारी, मनीष कुमार, राहुल कुमार शामिल थे।

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