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बिहार में शराबबंदी पर बड़ा फैसलाः शराबी अब नहीं जाएंगे जेल, माफिया की देनी होगी जानकारी

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बिहार में शराबबंदी पर बड़ा फैसलाः शराबी अब नहीं जाएंगे जेल, माफिया की देनी होगी जानकारी

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न्यूज डेस्क,अमर उजाला, पटना

द्वारा प्रकाशित: मेघा चौधरी
अपडेट किया गया सोम, 28 फरवरी 2022 05:56 PM IST

सार

नीतीश सरकार ने राज्य में शराबबंदी के बीच बड़ा फैसला लिया है। बिहार में अब शराब पीने वाले को पकड़े जाने पर जेल नहीं जाना पड़ेगा। अगर कोई व्यकित शराब पीते हुए पकड़ा जाता है तो उसे शराब माफिया की जानकारी पुलिस को देनी होगी।

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बिहार में अब शराब पीने वाले को पकड़े जाने पर जेल नहीं जाना पड़ेगा। नीतीश सरकार ने राज्य में शराबबंदी के बीच बड़ा फैसला लिया है। हालांकि, इसमें कुछ शर्ते रखी गई हैं। अगर कोई व्यकित शराब पीते हुए पकड़ा जाता है तो उसे शराब माफिया की जानकारी पुलिस को देनी होगी। अगर जानकारी सही मिलेगी और माफिया की गिरफ्तारी हो जाती है तो शराब पीने वाले को जेल नहीं जाना होगा। उसे छोड़ दिया जाएगा।

सोमवार को हुई बैठक में राज्य की जेलों में बढ़ रहे शराबियों की संख्या को देखकर यह फैसला लिया गया है। इसमें बिहार पुलिस और पुलिस और मद्य निषेध विभाग को विशेष अधिकार दिया गया है। उत्पाद विभाग के ज्वाइंट सेक्रेट्री कृष्ण कुमार ने कहा कि जो लोगों को शराब उपलब्ध करा रहे हैं, हमारा फोकस उन पर है। ऐसा करने से शराब माफियाओं की कमर टूट जाएगी, जिसका सीधा फायदा सरकार को मिलेगा।

नवंबर, 2021 में राज्य सरकार की ओर से एक आंकड़ा जारी किया था, जिसने सबको चौका दिया था। आंकड़े के अनुसार जनवरी 2021 से अक्टूबर 2021 तक तक विशेष छापेमारी कर प्रदेश के जिलों में 49 हजार 900 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी, जिनमें शराबी और शराब तस्कर शामिल थे। इस दौरान 38 लाख 72 हजार 645 लीटर अवैध शराब को जब्त किया गया था।

अदालतों पर भी बढ़ रहा था बोझ
जेलों के साथ ही राज्य की अदालतों में भी शराबबंदी के मामलों का बोझ बढ़ गया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिकाओं के लगे अंबार पर चिंता जाहिर की थी। इस मामले में अगली सुनवाई 8 मार्च को होनी है लेकिन इससे पहले ही बिहार सरकार ने यह फैसला ले लिया।

विस्तार

बिहार में अब शराब पीने वाले को पकड़े जाने पर जेल नहीं जाना पड़ेगा। नीतीश सरकार ने राज्य में शराबबंदी के बीच बड़ा फैसला लिया है। हालांकि, इसमें कुछ शर्ते रखी गई हैं। अगर कोई व्यकित शराब पीते हुए पकड़ा जाता है तो उसे शराब माफिया की जानकारी पुलिस को देनी होगी। अगर जानकारी सही मिलेगी और माफिया की गिरफ्तारी हो जाती है तो शराब पीने वाले को जेल नहीं जाना होगा। उसे छोड़ दिया जाएगा।

सोमवार को हुई बैठक में राज्य की जेलों में बढ़ रहे शराबियों की संख्या को देखकर यह फैसला लिया गया है। इसमें बिहार पुलिस और पुलिस और मद्य निषेध विभाग को विशेष अधिकार दिया गया है। उत्पाद विभाग के ज्वाइंट सेक्रेट्री कृष्ण कुमार ने कहा कि जो लोगों को शराब उपलब्ध करा रहे हैं, हमारा फोकस उन पर है। ऐसा करने से शराब माफियाओं की कमर टूट जाएगी, जिसका सीधा फायदा सरकार को मिलेगा।

नवंबर, 2021 में राज्य सरकार की ओर से एक आंकड़ा जारी किया था, जिसने सबको चौका दिया था। आंकड़े के अनुसार जनवरी 2021 से अक्टूबर 2021 तक तक विशेष छापेमारी कर प्रदेश के जिलों में 49 हजार 900 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी, जिनमें शराबी और शराब तस्कर शामिल थे। इस दौरान 38 लाख 72 हजार 645 लीटर अवैध शराब को जब्त किया गया था।

अदालतों पर भी बढ़ रहा था बोझ

जेलों के साथ ही राज्य की अदालतों में भी शराबबंदी के मामलों का बोझ बढ़ गया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिकाओं के लगे अंबार पर चिंता जाहिर की थी। इस मामले में अगली सुनवाई 8 मार्च को होनी है लेकिन इससे पहले ही बिहार सरकार ने यह फैसला ले लिया।

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