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बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

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बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

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अमित शाह और चिराग पासवान

अमित शाह और चिराग पासवान
– फोटो : अमर उजाला

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जमुई सांसद चिराग पासवान ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। पासवान ने एक पत्र सौंपते हुए लिखा है कि बिहार में कानून का राज समाप्त हो गया है। राज्य में बालू माफिया, शराब माफिया, भू-माफिया तथा अपराधी सरकार संरक्षित हैं। ये लोग खुलकर अपनी गतिविधि चला रहे हैं। इस स्थिति ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रखा है। ऐसे में बिहार में अविलंब हस्तक्षेप करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए।

चिराग पासवान ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में लिखा, बिहार में उत्पन्न अराजक स्थिति से लोग भयाक्रांत हैं। एक ओर जहां लगातार बढ़ रही अपराधिक घटनाओं से लोग सहमे हुए हैं। वहीं, दूसरी ओर प्रशासनिक संरक्षण में बेची जा रही जहरीली शराब से हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इन घटनाओं से बिहार में चीख पुकार मची हुई है और राज्य सरकार निष्क्रिय बनी मूकदर्शक की भूमिका में है।

बीते 17 दिसंबर को मेरे नेतृत्व में लोजपा (रामविलास) का एक प्रतिनिधि मंडल महामहिम राज्यपाल बिहार फागू चौहान से मिलकर उन्हें राज्य में उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया। इस संबंध में हमारी पार्टी ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए उनसे अनुशंसा का अनुरोध भी किया।

शराब पीने से निर्दोष लोगों की जान गई…
उन्होंने आगे लिखा, पिछले दिनों सारण जिले में जहरीली शराब पीने से बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस मामले में भी सरकार तथ्य छिपा रही है। मृतकों की संख्या 150 से अधिक है ओर ये सभी गरीब एवं कमजोर वर्ग के हैं। मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्त्ताओं के साथ पीड़ित परिवार से मिला। इस दौरान लोगों ने बताया कि प्रशासनिक संरक्षण में शराब की सहज उपलब्धता उस क्षेत्र में हैं। जिले के मशरख थाना क्षेत्र से जब्त स्पिरिट का गायब होना कई सवालों को जन्म दे रहा है।

‘बिहार में कानून का राज समाप्त’
आज जो बिहार की स्थिति है, उसमें यह कहना गलत नहीं होगा कि यहां कानून का राज समाप्त हो गया है। राज्य में सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है। अनुसूचित जाति/ जनजाति के लोगों की हर रोज हत्याएं की जा रही हैं। महिला हिंसा में भी बढ़ोत्तरी हुई है। अरवल में एक महिला और उसकी पांच साल की बेटी को जिंदा जलाकर निर्मम हत्या कर दी गई है। ऐसी परिस्थिति बेहद गंभीर और चिंता पैदा करने वाली है। इस संदर्भ में बिहार की जनता के हित में तथा यहां कानून का राज कायम करने के लिए अविलंब हस्तक्षेप करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए।

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जमुई सांसद चिराग पासवान ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। पासवान ने एक पत्र सौंपते हुए लिखा है कि बिहार में कानून का राज समाप्त हो गया है। राज्य में बालू माफिया, शराब माफिया, भू-माफिया तथा अपराधी सरकार संरक्षित हैं। ये लोग खुलकर अपनी गतिविधि चला रहे हैं। इस स्थिति ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रखा है। ऐसे में बिहार में अविलंब हस्तक्षेप करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए।

चिराग पासवान ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में लिखा, बिहार में उत्पन्न अराजक स्थिति से लोग भयाक्रांत हैं। एक ओर जहां लगातार बढ़ रही अपराधिक घटनाओं से लोग सहमे हुए हैं। वहीं, दूसरी ओर प्रशासनिक संरक्षण में बेची जा रही जहरीली शराब से हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इन घटनाओं से बिहार में चीख पुकार मची हुई है और राज्य सरकार निष्क्रिय बनी मूकदर्शक की भूमिका में है।

बीते 17 दिसंबर को मेरे नेतृत्व में लोजपा (रामविलास) का एक प्रतिनिधि मंडल महामहिम राज्यपाल बिहार फागू चौहान से मिलकर उन्हें राज्य में उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया। इस संबंध में हमारी पार्टी ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए उनसे अनुशंसा का अनुरोध भी किया।

शराब पीने से निर्दोष लोगों की जान गई…

उन्होंने आगे लिखा, पिछले दिनों सारण जिले में जहरीली शराब पीने से बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस मामले में भी सरकार तथ्य छिपा रही है। मृतकों की संख्या 150 से अधिक है ओर ये सभी गरीब एवं कमजोर वर्ग के हैं। मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्त्ताओं के साथ पीड़ित परिवार से मिला। इस दौरान लोगों ने बताया कि प्रशासनिक संरक्षण में शराब की सहज उपलब्धता उस क्षेत्र में हैं। जिले के मशरख थाना क्षेत्र से जब्त स्पिरिट का गायब होना कई सवालों को जन्म दे रहा है।

‘बिहार में कानून का राज समाप्त’

आज जो बिहार की स्थिति है, उसमें यह कहना गलत नहीं होगा कि यहां कानून का राज समाप्त हो गया है। राज्य में सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है। अनुसूचित जाति/ जनजाति के लोगों की हर रोज हत्याएं की जा रही हैं। महिला हिंसा में भी बढ़ोत्तरी हुई है। अरवल में एक महिला और उसकी पांच साल की बेटी को जिंदा जलाकर निर्मम हत्या कर दी गई है। ऐसी परिस्थिति बेहद गंभीर और चिंता पैदा करने वाली है। इस संदर्भ में बिहार की जनता के हित में तथा यहां कानून का राज कायम करने के लिए अविलंब हस्तक्षेप करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए।



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