Home Bihar बिहार में ठेले पर सिस्टम की लाश : पोखर से 20 घंटे में निकला शव बेगूसराय में ठेले पर 2 किमी घूमा

बिहार में ठेले पर सिस्टम की लाश : पोखर से 20 घंटे में निकला शव बेगूसराय में ठेले पर 2 किमी घूमा

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बिहार में ठेले पर सिस्टम की लाश : पोखर से 20 घंटे में निकला शव बेगूसराय में ठेले पर 2 किमी घूमा

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पोखर से 20 घंटे में निकला शव बेगूसराय में ठेले पर 2 किमी घूमा

पोखर से 20 घंटे में निकला शव बेगूसराय में ठेले पर 2 किमी घूमा
– फोटो : AMAR UJALA DIGITAL

विस्तार

बेगूसराय सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग और  जिला प्रशासन की संवेदनहीनता एक बार फिर देखने को मिली है। जिला प्रशासन की संवेदनहीनता इसलिए क्यों कि एक छोटे से पोखर में डूबे हुए युवक का शव खोजने में स्थानीय प्रशासन को 20 घंटे से भी अधिक समय लग गए। इस बीच परिजनों ने शव निकलवाने के लिए नगर थानाध्यक्ष पर 20 हजार रुपये मांगने का भी आरोप लगाया है। वहीं दूसरी ओर एसडीआरएफ के द्वारा पोखरी से शव निकालने के बाद सदर अस्पताल ले जाने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई। वहीं दूसरी तरफ सदर अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजन के घर तक शव को पहुंचाने के लिए अस्पताल प्रबंधन के द्वारा शव वाहन भी नहीं दिया गया। जिस वजह से मजबूर होकर परिजनों को शव ठेला पर ले जाना पड़ा।

क्या है मामला

नगर थाना क्षेत्र के गाछी टोला निवासी गोलू कुमार रविवार को अपने साथियों के साथ मूर्ति विसर्जन के लिए नगर थाना क्षेत्र के ही पोखरिया स्थित बड़ी पोखर पहुंचा था जहां मूर्ति विसर्जन के दौरान गहरे पानी में चले जाने की वजह से डूबने से उसकी मौत हो गई। डूबने के बाद परिजन नगर थाने की पुलिस से शव बरामदगी के लिए गुहार लगाते हुए एसडीआरएफ की टीम को बुलाने की मांग करते रहे लेकिन पुलिस प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंगा। करीब  15 घंटे के बाद एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंची। फिर  काफी मशक्कत के बाद एसडीआरएफ की टीम के द्वारा शव को बरामद किया जा सका। लेकिन प्रशासन की संवेदनहीनता देखिये कि शव बरामदगी के बाद भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा शव को ले जाने की व्यवस्था नहीं की गई। थक हार कर परिजन शव को ठेला पर लादकर पोस्टमार्टम के लिए सदर गए और फिर पोस्टमार्टम के बाद ठेला से ही उन्हें शव को अपने घर पर लाना पड़ा।

मात्र 2 किलोमीटर का तय करना था सफ़र

जिस पोखर से शव को बरामद किया गया वहां से सदर अस्पताल की दूरी महज 500 मीटर थी जबकि सदर अस्पताल से मृतक के घर की दूरी महज डेढ़ किलोमीटर । यानी  एम्बुलेंस को शहर के अन्दर मात्र 2 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी। बावजूद इसके प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन के द्वारा एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं करना सिस्टम पर एक सवाल खड़ा करता है।

एसपी कार्यालय के पास किया प्रदर्शन

प्रशासनिक और स्वस्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था से असंतुष्ट होकर आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने एसपी ऑफिस के सामने शव को रखकर अव्यवस्था के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने एसपी कार्यालय के सामने सड़क को भी जाम कर दिया।

नगर थाना पर लगाया पैसे मांगने का आरोप

परिजनों ने नगर थाने की पुलिस पर पैसे मांगने का भी आरोप लगाया है। इस बावत परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर थाना अध्यक्ष राम निवास ने शव निकालने के लिए 20 हजार रूपये की मांग की थी।

स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन के इस रवैया के बाद अब लोग पुलिस और स्वास्थ्य व्यवस्था की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े करने लगे हैं।

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