Home Bihar बिहार में अब सिम कार्ड लेना होगा मुश्किल! फर्जी दस्तावेज पर जारी हुए 920 नंबर, 170 प्राथमिकी दर्ज

बिहार में अब सिम कार्ड लेना होगा मुश्किल! फर्जी दस्तावेज पर जारी हुए 920 नंबर, 170 प्राथमिकी दर्ज

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बिहार में अब सिम कार्ड लेना होगा मुश्किल! फर्जी दस्तावेज पर जारी हुए 920 नंबर, 170 प्राथमिकी दर्ज

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पटना. बिहार में पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर चलाए गए विशेष अभियान के दौरान प्रदेश भर में 920 सिम कार्ड बंद (920 Sim Close) कराए गए है जो फर्जी दस्तावेज (Sim Card on Fake Documents) पर शुरू किए गए थे. इस मामले में राज्य के विभिन्न जिलों में 170 प्राथमिकी भी दर्ज की गई है. दरअसल फर्जी नाम-पते और दस्तावेज से जारी सिम कार्ड का सर्वाधिक इस्तेमाल साइबर ठगी में किया जा रहा है. ऐसे में बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarter) के निर्देश पर चलाए गए विशेष अभियान में वर्ष 2022 में ऐसे 920 सिम कार्ड बंद कराए गए, जो फर्जी दस्तावेज पर शुरू किए गए थे. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने सभी जिलों के एसपी को सिम कार्ड निबंधन का कड़ाई से अनुपालन कराने का निर्देश दिया है.

पुलिस मुख्यालय के आदेश पर कार्रवाई होने से बिहार में नया सिम कार्ड लेना मुश्किल हो जाएगा. अब प्री एक्टिवेट सिम बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. पुलिस मुख्यालय ने साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं के बाद यह निर्देश दिया है. सभी एसपी को निर्देश दिया गया है कि जो भी लोग एक्टिवेट सिम बेचते हैं उनके खिलाफ तत्काल आईपीसी की धारा में मामला दर्ज किया जाये औऱ उनको गिरफ्तार किया जाए.

सिम बेचने और खरीदने वालों पर रहेगी पुलिस की नजर

आपके शहर से (पटना)

निर्देश में यह भी कहा गया है कि अपने अपने जिले में सिम बेचने वाले लोगों पर नजर रखे हैं और साथ ही सिम खरीदने वाले लोगों के दस्तावेज पर नजर रखें. इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि अवैध रूप से खरीदे गए सिम कार्ड को निष्क्रिय करने का भी निर्देश दिया गया है. यह निर्देश बिहार में बढ़ रहे साइबर क्राइम को देखते हुए दिया गया है. हाल के दिनों में देखा गया है कि साइबर के अपराधी प्री एक्टिवेट सिम का उपयोग फर्जी दस्तावेज के आधार पर कर रहे हैं. इससे पुलिस को कार्रवाई करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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इस जिले में मिले सबसे अधिक फर्जी सिम कार्ड

साइबर अपराध की नोडल एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि फर्जी सिम को लेकर सभी जिलों को लगातार सख्ती बरतने का निर्देश दिया गया है. टेलीकाम कंपनियां को भी फर्जी दस्तावेज पर सिम लेने वाले लोगों की जानकारी पुलिस को देने और प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा गया है. इसका अनुपालन कई जिलों में शुरू हुई हो चुका है. फर्जी सिम कार्ड मामले में मधुबनी में 35, नालंदा में 30, भोजपुर में 21, समस्तीपुर में 16, लखीसराय में 10 और पटना और जम्मुई में आठ-आठ प्राथमिकी दर्ज हुई है. सबसे अधिक 219 फर्जी सिम कार्ड गया जिले में पाए गए हैं. इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गईं हैं, जिसमें 195 लोग शामिल हैं.

बिहार के ये जिले हैं साइबर अपराध के हॉट स्पॉट

इसके अलावा मधुबनी जिले में 135 फर्जी सिम कार्ड, जबकि सुपौल में 71 फर्जी सिम कार्ड को चिह्नित कर बंद कराया गया है. बिहार पुलिस मुख्यालय की माने तो साइबर क्राइम के लिहाज से बिहार में राजधानी पटना, नवादा, नालंदा, गया, शेखपुरा और जमुई को हॉट स्‍पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है. इन जिलों में फर्जी सिम कार्ड के जरिए न केवल राज्य  और इससे बाहर  दिल्ली, राजस्थान, झारखंड और पश्चिम बंगाल के लोगों से भी साइबर ठगी किए जाने का मामला सामने आया है. इसको लेकर लगातार के  गिरफ्तारी भी की गई है. ऐसे में इन जिलों के एसपी को पुलिस मुख्यालय से खास तौर पर  नजर रखने को कहा गया है. ट्राई के नियमों का अनुपालन करने वाले लोगों को चिह्नित कर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है.

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