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बिहार: मिथिला की रोहू मछली को जीआई टैग दिलाने की कवायद, केंद्र से संपर्क करने की तैयारी में नीतीश सरकार

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बिहार: मिथिला की रोहू मछली को जीआई टैग दिलाने की कवायद, केंद्र से संपर्क करने की तैयारी में नीतीश सरकार

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना

द्वारा प्रकाशित: गौरव पाण्डेय
अपडेटेड बुध, 06 अप्रैल 2022 07:23 अपराह्न IST

सार

मिथिला की प्रसिद्ध रोहू मछली को जीआई टैग दिलाने के लिए बिहार सरकार ने केंद्र से संपर्क करने का फैसला किया है। फिलहाल इस मछली पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

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बिहार सरकार ने मिथिला की प्रसिद्ध रोहू मछली को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग दिलाने की कवायद तेज कर दी है। एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार से संपर्क करने का फैसला किया है। राज्य मत्स्य पालन विभाग के निदेशक निशात अहमद ने कहा कि राज्य सरकार ने मिथिला क्षेत्र की रोहू मछली पर अध्ययन करने व एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए दो विशेषज्ञों को काम पर लगाया है।

अहमद ने कहा, ‘मिथिला क्षेत्र में खास तौर पर दरभंगा और मधुबनी में पाई जाने वाली रोहू मछली को अपने स्वाद के लिए जाना जाता है। हमने इस मछली पर अध्ययन करने के लिए और एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए नियुक्त किया है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद हम केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय से संपर्क करेंगे और इसे जीआई टैग प्रदान करने का अनुरोध करेंगे।’ मिथिला क्षेत्र में बिहार व झारखंड के हिस्से और नेपाल के पूर्वी तराई के जिले आते हैं।

निशात अहमद ने आगे कहा कि हमें इस बात की पूरी उम्मीद है कि इस क्षेत्र की रोहू मछली को निश्चित तौर पर जीआई टैग मिल जाएगा। इससे इस क्षेत्र में रोहू मछली पालन के काम में लगे लोगों को लाभ होगा, उन्हें वैश्विक बाजार और एक नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसका उनकी आय पर सीधा असर देखने को मिलेगा। बता दें कि एक जीआई टैग किसी उत्पाद की पहचान किसी विशेष क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले उत्पाद के रूप में करता है।

बिहार के इन उत्पादों को मिल चुका है जीआई टैग
ज्योग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्री ने हाल ही में एक याचिका को स्वीकार किया है जिसमें ‘बिहार मखाना’ का नाम बदलकर ‘मिथिला मखाना’ करने का प्रस्ताव रखा गया है। अभी तक बिहार के कतरनी चावल, जरदारू आम, शाही लीची और मगही पान को जीआई टैग मिल चुका है।

विस्तार

बिहार सरकार ने मिथिला की प्रसिद्ध रोहू मछली को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग दिलाने की कवायद तेज कर दी है। एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार से संपर्क करने का फैसला किया है। राज्य मत्स्य पालन विभाग के निदेशक निशात अहमद ने कहा कि राज्य सरकार ने मिथिला क्षेत्र की रोहू मछली पर अध्ययन करने व एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए दो विशेषज्ञों को काम पर लगाया है।

अहमद ने कहा, ‘मिथिला क्षेत्र में खास तौर पर दरभंगा और मधुबनी में पाई जाने वाली रोहू मछली को अपने स्वाद के लिए जाना जाता है। हमने इस मछली पर अध्ययन करने के लिए और एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए नियुक्त किया है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद हम केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय से संपर्क करेंगे और इसे जीआई टैग प्रदान करने का अनुरोध करेंगे।’ मिथिला क्षेत्र में बिहार व झारखंड के हिस्से और नेपाल के पूर्वी तराई के जिले आते हैं।

निशात अहमद ने आगे कहा कि हमें इस बात की पूरी उम्मीद है कि इस क्षेत्र की रोहू मछली को निश्चित तौर पर जीआई टैग मिल जाएगा। इससे इस क्षेत्र में रोहू मछली पालन के काम में लगे लोगों को लाभ होगा, उन्हें वैश्विक बाजार और एक नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसका उनकी आय पर सीधा असर देखने को मिलेगा। बता दें कि एक जीआई टैग किसी उत्पाद की पहचान किसी विशेष क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले उत्पाद के रूप में करता है।

बिहार के इन उत्पादों को मिल चुका है जीआई टैग

ज्योग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्री ने हाल ही में एक याचिका को स्वीकार किया है जिसमें ‘बिहार मखाना’ का नाम बदलकर ‘मिथिला मखाना’ करने का प्रस्ताव रखा गया है। अभी तक बिहार के कतरनी चावल, जरदारू आम, शाही लीची और मगही पान को जीआई टैग मिल चुका है।

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