Home Bihar बिहार के पैडमैन के बारे में जानिए जरूरी बातें, लड़कियों के चेहरे पर ला रहे हैं मुस्कान, कहां के हैं गौरव राय

बिहार के पैडमैन के बारे में जानिए जरूरी बातें, लड़कियों के चेहरे पर ला रहे हैं मुस्कान, कहां के हैं गौरव राय

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बिहार के पैडमैन के बारे में जानिए जरूरी बातें, लड़कियों के चेहरे पर ला रहे हैं मुस्कान, कहां के हैं गौरव राय

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सिवान: बिहार के ‘पैडमैन’ हालांकि आर्थिक रूप से उतने कमजोर नहीं हैं। इनके सामने बच्चियों को समझाने का झंझट नहीं है। जी हां, हम बात कर रहे हैं बिहार के ‘पैडमैन’ की। जो इन दिनों हजारों छात्राओं के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम कर रहे हैं। कहते हैं कि समाज के लिए कुछ करने की चाहत तो सभी मुश्किलें आसान हो जाती हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण हैं जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड के सुघड़ी निवासी गौरव राय। इन्होंने खुद की पहल से भगवानपुर हाट प्रखंड के तीन हाई स्कूलों में मंगलवार को सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाई।

‘गौरव राय कमाल कर रहे हैं’

गौरव राय ने माघर उच्च विद्यालय, माघर, इंद्र सिंह उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज, हिलसड़ और एसएसए उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज भगवानपुर हाट में वेंडिंग मशीन लगवाया। पटना से अपनी कार से इन मशीनों को लेकर गौरव राय एक- एक कर तीनों हाई स्कूलों में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने खुद से स्कूल में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन को लगाया। साथ ही शिक्षक और छात्राओं को इसके उपयोग की ट्रेनिंग भी दी। गौरव राय के इस पहल को देख शिक्षकों और छात्राओं ने खूब सराहा।

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110 स्कूलों में लगा चुके हैं वेंडिंग मशीन

पटना में एक निजी कंपनी में सीनियर जेनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत गौरव सिन्हा सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं। उन्होंने बताया कि प्रति महीने खुद की सैलरी से बचत कर वे सेनेटरी नेपकिन वेंडिंग मशीन और साइकिल खरीदते हैं। इस काम में बाद में मित्रों का भी सहयोग मिलने लगा। ऐसे में अब तक बिहार के 110 हाई स्कूलों में सेनेटरी नेपकिन वेंडिंग मशीन लगा चूके हैं। साथ ही 157 जरूरतमंद बच्चों को साइकिल भी दे चूके हैं।

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कोरोना काल में बने ऑक्सीजन मैन

गौरव राय की पहचाना बिहार में ऑक्सीजन मैन के नाम से भी है। कोरोना के समय पटना में जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध करा कर गौरव सिन्हा ने कई लोगों की जिंदगी बचाई थी। जिसकी वजह से इन्हें ऑक्सीजन मैन के तौर पर बिहार में पहचान मिली। दरअसल कोरोना पॉजिटिव होने के बाद पीएमसीएच में उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिली। जिसके बाद उन्होंने खुद सिलिंडर खरीद लिया। और जब ठीक हो गए तो लोगों को सिलिंडर उपलब्ध कराने लगे। जिसमें लोगों ने भी उनका खूब साथ दिया।
रिपोर्ट- दीनबंधु सिंह, सिवान

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