Home Bihar बिहार के इस गांव के चावल से अयोध्या के श्रीराम मंदिर में बनता है प्रसाद, लोग ‘चावल’ को मानते हैं देवी की कृपा

बिहार के इस गांव के चावल से अयोध्या के श्रीराम मंदिर में बनता है प्रसाद, लोग ‘चावल’ को मानते हैं देवी की कृपा

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बिहार के इस गांव के चावल से अयोध्या के श्रीराम मंदिर में बनता है प्रसाद, लोग ‘चावल’ को मानते हैं देवी की कृपा

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रिपोर्ट: आलोक कुमार पाठक

कैमूर: बिहार के कैमूर जिले के मोकरी गांव में तैयार होने वाले सोनाचूर चावल की ख्याति धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. यहां के एक किसान की मानें तो अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर में प्रसाद के लिए इसी चावल का उपयोग किया जाता है. यहीं से हर साल सोनाचूर चावल अयोध्या भेजा जाता है. ऐसे तो इस चावल का पूरे मोकरी में उत्पादन होता है, लेकिन इसमें भी अयोध्या के लिए एक खास वैरायटी के चावल का उत्पादन किया जाता है, जिसको गोविंद भोग के नाम से जाना जाता है.

मोकरी गांव मुंडेश्वरी माता के मंदिर के समीप है और यह मंदिर पहाड़ पर स्थित है. मान्यता है कि हर साल बारिश का पानी पहाड़ से माता के स्थान को स्पर्श करते हुए मोकरी गांव के खेतों तक पहुंचता है और उस पानी से पूरे गांव का खेत सिंचित होता है, इसलिए मोकरी गांव में पैदा होने वाला अनाज ज्यादा खुशबूदार होता है. चावल ही नहीं बल्कि यहां पैदा होने वाला हर अनाज का स्वाद अलग होता है. लेकिन यहां के किसान ज्यादा मात्रा में सोनाचूर धान की ही खेती करते हैं. क्योंकि यहां के चावल की डिमांड मार्केट में ज्यादा है.

4 सालों से लगातार अयोध्या जा रहा गोविंद भोग चावल
किसान नारद सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले 4 साल से लगातार यहां से गोविंद भोग चावल अयोध्या भेजा जा रहा है. 50 से 60 कुंतल चावल हर साल जाता है. उन्होंने बताया की 7 हजार रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से इसे बेचते हैं. कोई रेट में बढ़ोतरी नहीं करते हैं. नारद सिंह ने यह भी बताया कि इस चावल को बहुत मेहनत से तैयार कर पैकिंग करते हैं. अयोध्या से सितंबर-अक्टूबर में इसकी डिमांड आती है और उस समय किसी के पास इतना स्टॉक रहता नहीं है, इसलिए पहले से हम इसकी तैयारी करके रखते हैं.

सिर्फ चावल नहीं, मां मुंडेश्वरी की कृपा
नारद सिंह ने बताया कि सोनाचूर चावल की खेती के लिए अलग से कोई विधि नहीं है. दूसरी फसल की तरह इसकी भी खेती होती है. बस यहां के खेत की सिंचाई के लिए जो पानी आता है, ये सब उसका कमाल कह लीजिए. यहां की मिट्टी भी खास है. इसे प्रकृति का वरदान कह सकते हैं. इस चावल को बिना खाए महसूस नहीं किया जा सकता है. इस चावल की खुशबू और स्वाद दोनों ही गजब है. इसे मां मुंडेश्वरी की कृपा भी कह सकते हैं.

टैग: Ayodhya ram mandir, बिहार के समाचार, Kaimur, चावल

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