Home Bihar बिहार : आखिरी सांस तक फांसी पर लटका रहेगा, 4 दिन की ट्रायल में फैसला, पानी मांगने के बहाने किया था रेप

बिहार : आखिरी सांस तक फांसी पर लटका रहेगा, 4 दिन की ट्रायल में फैसला, पानी मांगने के बहाने किया था रेप

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बिहार : आखिरी सांस तक फांसी पर लटका रहेगा, 4 दिन की ट्रायल में फैसला, पानी मांगने के बहाने किया था रेप

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राहुल कुमार ठाकुर, अररिया : जिले की अदालत (अररिया जिला न्यायालय) ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को सिर्फ 4 दिनों की ट्रायल में ही फांसी की सजा (रेप के दोषी को मौत की सजा) सुनाई। पॉक्सो एक्ट के तहत अररिया कोर्ट ने फैसला सुनाया है। भरगामा के वीरनगर पश्चिम में नाबालिग से रेप का मामला था।

रेप के दोषी को फांसी की सजा
अररिया के स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने चार दिन की ट्रायल में फांसी की सजा सुनाई। मामला भरगामा थाना क्षेत्र के वीरनगर पश्चिम का है, जहां एक दिसंबर को गांव के मेजर नाम के दबंग युवक ने छह साल की मासूम की अस्मत से खिलवाड़ किया था। दुष्कर्म मामले में स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी मेजर को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई।

10 लाख सहायता राशि देने के आदेश
न्यायाधीश शशिकांत राय की कोर्ट ने जीवन समाप्ति तक फांसी पर लटकाए रखने का आदेश दिया है। साथ ही पीड़िता को विक्टिम कम्पनसेशन फंड से डीएलएसए सचिव को दस लाख रुपए आर्थिक मदद करने का आदेश दिया। सिविल कोर्ट के एडीजे शशिकांत राय तुरंत फैसला देने के लिए जाने जाते हैं। शशिकांत राय के कोर्ट के संज्ञान में ये मामला इसी साल 20 जनवरी को आया था। 22 जनवरी को आरोप तय किया गया। जिसके बाद 27 जनवरी को सजा सुनाई गई।

पीने के लिए पानी मांगने के बहाने रेप
आरोपी मेजर नाम के लड़के ने छह साल की बच्ची से दरिंदगी के बाद उसे घर के पास लाकर फेंक दिया था। पीने के लिए पानी मंगवाने के बहाने उसे अगवा कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। इस दरिंदगी की कहानी स्थानीय लोगों ने गुप्त तौर पर तत्कालीन एसपी हृदयकान्त को दी थी। जिसके बाद एसपी ने कार्रवाई करते हुए सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार के साथ महिला थानाध्यक्ष और भरगामा थानाध्यक्ष को गांव भेजकर एफआईआर के साथ मासूम का मेडिकल ट्रीटमेंट कराया।

चांदनी चौक से किया गया था अरेस्ट
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही आरोपी मेजर फरार था। लेकिन पुलिसिया दबिश को देखते हुए कोर्ट में सरेंडर करने अररिया पहुंचे मेजर को पुलिस ने चांदनी चौक से गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद महिला थानाध्यक्ष रीता कुमारी ने पीड़िता और घर वालों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और अनुसंधान में घटना को सही पाते हुए 12 जनवरी 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया था।

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