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ड्रेनेज नेटवर्क सिस्टम होगा तैयार
पटना समेत इसके पड़ोसी इलाकों जैसे दानापुर, खगौल और फुलवारशरीफ में नई स्टॉर्मवाटर आउटफॉल सुविधा का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य शहर को बाढ़ और जलभराव से बचाना है। खासकर निचले इलाकों में अगले तीस साल के दौरान ऐसी समस्या नहीं हो इसलिए ये कदम उठाया गया है। इस प्रोजेक्ट में 103 नाली लाइनों का निर्माण किया जाएगा और उन्हें नौ पैकेजों में विभाजित किया जाएगा।
BUIDCO ने बनाया प्लान
बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (BUIDCO) के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र सिंह ने अब तक हुए काम का जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि यूटीलिटी का स्थानांतरण, मशीनरी का जुटाव और तय इलाकों का लैंड सर्वे पहले ही शुरू हो चुका है। उन्होंने बताया कि ‘इस परियोजना के तहत लगभग 185 किलोमीटर लंबे वाटर ड्रेनेज नेटवर्क का निर्माण किया जाएगा। यह अगले 30 वर्षों के लिए पटना नगरपालिका क्षेत्र और पड़ोसी इलाकों में जलभराव की समस्या को कम करेगा। बिडिंग के लिए सात अलग-अलग कंपनियों को सात पैकेजों के लिए काम का टेंडर दिया गया है। अन्य दो पैकेज अंतिम फेज में हैं और इसके इस महीने तक पूरा होने की संभावना है।
2024 तक काम पूरा होने की संभावना
BUIDCO के एमडी ने कहा कि तूफान जल निकासी परियोजना का जमीनी काम पहले से ही शुरू हो चुका है। कुछ वजहों प्रोजेक्ट में थोड़ी देरी हुई है, लेकिन हम उम्मीद कर रहे हैं कि काम 2024 तक पूरा हो जाएगा। बुडको के सहायक अभियंता ऋषिकेश गौतम ने कहा कि जलग्रहण क्षेत्र दो और छह के लिए फिर से बिडिंग जारी की गई है और यह अंतिम फेज में है। उन्होंने कहा कि अधिकांश चयनित कंपनियां हैदराबाद, कोलकाता और बिहार से हैं। कैचमेंट I के अलावा, अन्य पैकेजों की समय सीमा 18 महीने है। हमने दानापुर और खगौल में पाइपलाइन बिछाने के लिए 24 महीने की समय सीमा तय की है।
इस प्रोजेक्ट के बाद नहीं डूबेगा पटना!
गौतम ने कहा कि यह परियोजना पटना की जीवन रेखा होगी। बारिश के मौसम में, जल निकासी पम्पिंग स्टेशनों के माध्यम से चीड़ और नदियों में पानी डाला जाएगा। गांधी मैदान, इसोपुर, मंदिरी, राजापुर पुल, गर्दनीबाग, नाहर और परमपुरा सहित विभिन्न क्षेत्रों में कम से कम 22 नए स्थायी जल निकासी पंपिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
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