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बक्सर में हिंसा के बाद पुलिस पर एक्शन
चौसा थर्मल पावर प्लांट में जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों के घर पुलिसिया उपद्रव के खिलाफ जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान कई गाड़ियों में आग लगा दी गई, वहीं बुधवार को दिनभर जमकर हंगामा होता रहा। पुलिस मूकदर्शक बनी रही। हंगामे को लेकर राज्य पुलिस मुख्यालय ने स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए शाहाबाद के डीआईजी नवीन चंद्र झा को बक्सर भेजा। डीआईजी ने किसान परिवारों से मारपीट मामले में मुफस्सिल थाने की उस टीम को ही लाइन हाजिर कर दिया, जो छापेमारी करने गई थी। थानेदार अमित को तबादला करते हुए रोहतास भेजा गया।
पुलिसवालों की भूमि की जांच होगी- DIG
डीआईजी नवीन चंद्र झा ने साफ तौर पर कहा है कि इस मामले में जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। डीआईजी ने बक्सर पहुंचते ही पूरी पुलिस टीम को निलंबित कर दिया। वहीं, उन्होंने इस घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही। उनके इस कार्रवाई से बक्सर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, अब स्थिति नियंत्रण में है। डीआईजी समेत बक्सर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक और कई वरीय पदाधिकारी घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं। किसानों को समझाने-बुझाने का काम अब भी जारी है। इस उपद्रव में प्लांट में लगी कई गाड़ियों को किसानों ने निशाना बनाया। पुलिस की भी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।
मुआवजे की मांग को लेकर हिंसक झड़प
चौसा में थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए अधिग्रहित भूमि के एवज में मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ झड़प में 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए। बिहार पुलिस मुख्यालय ने बयान के अनुसार मंगलवार को बड़ी संख्या में किसान चौसा में निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट के परिसर में घुस गए। अधिग्रहित अपनी भूमि के बदले मुआवजे की मांग करने लगे। बयान के मुताबिक लोगों ने चौसा के अंचल अधिकारी के साथ भी मारपीट की। इस संबंध में अंचल अधिकारी की शिकायत पर पुलिस कर्मियों ने छापेमारी की और उन किसानों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने लोक सेवक के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी। बयान के मुताबिक लगभग एक हजार किसान बुधवार को फिर से बिजली संयंत्र के पास और स्थानीय पुलिस थाना के सामने एकत्र हुए। किसान अचानक उग्र हो गए और थाने पर हमला कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस वैन में आग लगा दी और कई अन्य वाहनों के साथ बिजली संयंत्र में भी तोड़फोड़ की।
हिंसक झड़प में 10 पुलिसवाले जख्मी
अधिकारियों के मुताबिक पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हवा में गोलियां चलाईं। इसके बाद हुई झड़प में लगभग दस पुलिसकर्मियों को चोटें आईं जबकि दो पुलिसकर्मियों की हालत गंभीर है। पुलिस ने अब स्थिति पूरी तरह से काबू पा लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और आगे की जांच जारी है।
पुलिस ने घर में घुसकर बेरहमी से पिटाई की
वहीं, ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि मंगलवार की रात पुलिस ने घर में घुसकर बेरहमी से लोगों की पिटाई की थी। पुलिस की इस कारवाई के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए और सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण प्लांट पहुंच गए और जमकर उत्पात मचाया। पावार प्लांट से जुड़ी जलापूर्ति पाइप लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण के मसले पर किसान विरोध कर रहे हैं। किसान वर्तमान की कीमत से मुआवजा की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार पहले की कीमत पर मुआवजा दे रही है। किसान अपनी मांग को लेकर 80 दिनों से अधिक समय से धरना पर बैठे हैं। मंगलवार की रात पुलिस बनारपुर गांव पहुंच गई और कई किसानों के घर में घुसकर मारपीट की। इसके बाद इस घटना का वीडियो वायरल हो गया। हालांकि, इस वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि एनबीटी ऑनलाइन नहीं कर रहा है। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीण बड़ी संख्या में प्लांट के पास पहुंच गए और हंगामा करने लगे। इसके बाद पुलिस पर भी पथराव शुरू हो गया और पूरा इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया।
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