Home Bihar फिर डराने लगा यह सीन! सिर पर बोझ, साथ में बच्चे-पत्नी और मां, बिहार लौटने लगे प्रवासी मजदूर

फिर डराने लगा यह सीन! सिर पर बोझ, साथ में बच्चे-पत्नी और मां, बिहार लौटने लगे प्रवासी मजदूर

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फिर डराने लगा यह सीन! सिर पर बोझ, साथ में बच्चे-पत्नी और मां, बिहार लौटने लगे प्रवासी मजदूर

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पटना. मार्च 2020 के बाद से ही जिस रफ्तार से कोरोना की गति बढ़ी उसने देश-प्रदेश की पूरी व्यवस्था को चौपट कर दिया. बड़ी संख्या में बिहार के प्रवासी मजदूर राज्य में लौट आए. वे दृश्य लोग अब तक नहीं भूले हैं जब लाखों की संख्या में मजदूर जैसे-तैसे अपने घर पहुंचने की जद्दोजहद करते रहे. कई तो हजारों किमी साइकिल चलाते हुए घर लौट आए तो कइयों ने रास्ते में ही अपनी जान गंवा दी. हजारों लोग ऐसे भी थे जो रेल पटरियों के सहारे सैकड़ों किमी दूर पैदल चल घर वापस आए. इसके बाद सरी लहर ने तो पूरी तबाही मचा दी. लेकिन, इसके बाद जब स्थिति संभली तो अधिकतकर लोग फिर अपने-अपने कार्यों पर लौट गए. व्यवस्था कुछ-कुछ पटरी पर लौट ही रही थी कि अब कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. साथ ही ओमिक्रॉन की आशंका से कई राज्यों ने सख्ती बढ़ा दी है. ऐसे में अब प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में बिहार वापसी करने लगे हैं.

बिहार के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर आ रही इन मजदूरों की भीड़ को कोरोना के कारण फिर से लॉकडाउन लगाए जाने का डर है. लेकिन, जिस गति से प्रवासी मजदूर वापस बिहार लौटने लगे हैं एक बार फिर 2020 के मध्य का वही दृश्य उभर आया है. लौट रहे प्रवासी मजदूरों का कहना है कि अगर फिर से देश में लॉकडाउन लगा तो उनके लिए स्थिति गंभीर हो जाएगी. बाद में घर लौटने में भी मुश्किल होगी ऐसे में वे समय रहते अपने घर वापस आना चाहते हैं.

यहां यह बता दें कि दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब व हरियाणा से वापस लौटने वाले मजदूरों की अधिक संख्या है. अन्य राज्यों में कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए लोग अब अपने-अपने गांव लौटने लगे हैं, लेकिन उनकी रफ्तार थोड़ी कम है. बता दें कि दिल्ली में तो शुक्रवार की शाम से दो दिन का लॉकडाउन लगाया गया. पंजाब, यूपी, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में चुनाव आयोग ने रैलियों व चुनाव सभाओं पर रोक लगा दी है.

इसी तरह कई अन्य राज्यों में भी लगातार पाबंदियां सख्त की जा रही हैं. ऐसे में प्रवासी रेल और बसों के माध्यम से अपने घर पहुंच कर कोरोना का सामना करने का मन बना रहे हैं. जानकार बताते हैं कि अगर कोरोना संक्रमण की रफ्तार ऐसी ही रही तो दो से चार दिनों के भीतर लौटने वालों की संख्या काफी बढ़ जाएगी. दरअसल, कोरोना की रफ्तार तीसरी लहर में काफी खतरनाक है. संक्रमण का आंकड़ा पूरी रफ्तार से तेज होती जा रही है. ऐसे में रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर प्रवासियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है.

लौटने वाले मजदूर बताते हैं कि दिल्ली और मुंबई में कोरोना बहुत तेजी से अपने चपेट में लोगों को ले रहा है. इस स्थिति में राज्य सरकारों के द्वारा कई कड़े नियम भी लगाए जा रहे हैं. बावजूद इसके कोरोना की रफ्तार कम नहीं हो रही है. ऐेसे में आशंका है कि फिर एकबार कहीं लॉकडाउन की घोषणा नहीं हो जाए.
लॉकडाउन में फंसने के बाद स्थिति विकट हो जाती है. अपने घर में रहकर किसी भी परिस्थिति का सामना करना आसान होता है.

आपके शहर से (पटना)

टैग: कोरोना संकट, प्रवासी मजदूर, प्रवासी कामगार

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