Home Bihar न नीतीश, न तेजस्वी… लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे मोर्चे की पहल में KCR क्यों कर रहें इनकी अनदेखी?

न नीतीश, न तेजस्वी… लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे मोर्चे की पहल में KCR क्यों कर रहें इनकी अनदेखी?

0
न नीतीश, न तेजस्वी… लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे मोर्चे की पहल में KCR क्यों कर रहें इनकी अनदेखी?

[ad_1]

पटना. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए बीजेपी विरोधी मंच बनाने की पहल को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विपक्षी दलों के बीच एकता के अभाव के चलते यह कोशिश विफल हो सकती है. वर्ष 2024 से पहले तीसरा मोर्चा बनाने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने खम्मम जिले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और भाकपा महासचिव डी राजा के साथ एक बड़ी रैली की.  हालांकि इस रेली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव की गैरहाजिरी ने सबका ध्यान खींचा.

बिना नीतीश और तेजस्वी के महागठबंधन?
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को गिराने के इरादे से नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए थे. हालांकि, उन्हें अबतक केसीआर या राहुल गांधी द्वारा उचित महत्व नहीं दिया गया है, जो भारत जोड़ो यात्रा पर हैं. वहीं विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि खम्मम में भाजपा विरोधी रैली के लिए केसीआर ने जेडीयू को निमंत्रण नहीं भेजा था.

मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े करीबी सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार को बैठक में शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिला और अब समाधान यात्रा समाप्त होने के बाद अगले कदम को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री जल्द ही फैसला करेंगे.

आपके शहर से (पटना)

नीतीश के नक्शेकदम पर दूसरे विपक्षी नेता
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बक्सर में संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने एनडीए के खिलाफ मोर्चा बनाने का विचार शुरू किया था. यह देखकर अच्छा लगा कि मैंने जो शुरू किया था, दूसरे अब उसका अनुसरण कर रहे हैं.’

केवल जेडीयू ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जनता दल को भी केसीआर से कोई निमंत्रण नहीं मिला, जिससे संभावित तीसरे मोर्चे का भविष्य को लेकर नाउम्मीदी जताई जाने लगी. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि उनकी पार्टी को केसीआर से कोई निमंत्रण नहीं मिला है.

लालू को विपक्ष के नेता के रूप में राहुल पसंद
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि कांग्रेस की धूरी के इर्द-गिर्द ही विपक्षी मोर्चे को बुना जा सकता है. बिहार में आरजेडी-जेडीयू के बीच गठबंधन के समय ही पता चला था लालू प्रसाद ने दिल्ली में कांग्रेस के आला अधिकारियों के साथ बैठक की थी.

लालू के करीबी सूत्रों ने खुलासा किया कि वह प्रधानमंत्री पद की दौड़ में राहुल गांधी  का समर्थन करने के इच्छुक हैं. उधर गांधी परिवार भी कांग्रेस पार्टी की छवि को फिर से जीवंत करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान पर है.

उधर नीतीश कुमार बिहार में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें आरजेडी एक प्रमुख घटक है और कांग्रेस भी इसे समर्थन दे रही है.

बजट सत्र के बाद पूरे बिहार की यात्रा करेंगे नीतीश!
नीतीश कुमार ने यह अभी साफ नहीं किया है कि क्या वह राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे. जेडीयू नेता फरवरी के पहले हफ्ते बिहार में अपनी महीने भर की समाधान यात्रा पर निकलने वाले हैं और आने वाले कुछ दिनों तक इसमें ही व्यस्त रहने की संभावना है.

वहीं केसीआर कांग्रेस के साथ जाने में असहज हैं, क्योंकि तेलंगाना में दोनों पार्टियां प्रतिद्वंद्वी हैं. बिहार विधानसभा के विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा कहते हैं तीसरे मोर्चे का कोई भविष्य नहीं है, क्योंकि यह बहुत सारे आंतरिक अंतर्विरोधों से भरा हुआ है. उन्होंने कहा, ‘पीएम की कुर्सी के लिए कई दावेदार (एक अनार, सौ बीमार) हैं.’

बिहार के वरिष्ठ मंत्री विजय चौधरी ने तंजिया लहजे में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके बिना गठबंधन कैसे संभव हो सकता है? वह कहते हैं, ‘हर कोई अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है, लेकिन प्रयास ईमानदारी से किया जाना चाहिए. सवाल सभी पार्टियों को एक साथ लाने का है, अगर ये सब साथ आएं तभी बीजेपी के रथ को रोका जा सकता है.’

यहां यह उल्लेख किया जाना भी जरूरी है कि सितंबर 2022 में अपनी बिहार यात्रा के दौरान केसीआर नीतीश कुमार को पीएम पद के लिए विपक्ष की पसंद के रूप में घोषित करने वाले थे. हालांकि उन्हें बीच में ही रोक दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक अचानक समाप्त हो गई थी.

टैग: 2024 Loksabha Election, सीएम केसीआर, Nitish kumar, तीसरा मोर्चा

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here