Home Bihar नो मेंस लैंड पर कब्जा : नरकटियागंज में नेपाली अतिक्रमणकारियों ने गाड़े धार्मिक झंडे, प्रशासन ने तुरंत खाली कराई जमीन

नो मेंस लैंड पर कब्जा : नरकटियागंज में नेपाली अतिक्रमणकारियों ने गाड़े धार्मिक झंडे, प्रशासन ने तुरंत खाली कराई जमीन

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नो मेंस लैंड पर कब्जा : नरकटियागंज में नेपाली अतिक्रमणकारियों ने गाड़े धार्मिक झंडे, प्रशासन ने तुरंत खाली कराई जमीन

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सार

नेपाल के पूर्व पीएम ओली की घोषणा के बाद सीताखोला इलाका चर्चित हो गया। यहां पूजा-पाठ होने लगे।

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बिहार से सटी भारत-नेपाल सीमा पर स्थित नो मेंस लैंड (दो देशों के बीच सीमा क्षेत्र की जमीन) पर कब्जे के प्रयास का मामला सामने आया है। पश्चिमी चंपारण जिले के नरकटियागंज के भिखनाठोरी में नेपाली अतिक्रमणकारियों ने इस जमीन पर कब्जे के इरादे से तारबंदी कर धार्मिक झंडे लगा दिए थे। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची व जमीन को मुक्त करा लिया।
यह जमीन भारत के भिखनाठोरी से व नेपाल के सीताखोला के पास है। नेपाल के पूर्व पीएम केपी ओली ने जुलाई 2020 में दावा किया था कि भगवान राम का जन्म नेपाल में हुआ था। वो अयोध्या, जहां राम का जन्म हुआ था, नेपाल के वीरगंज के पश्चिम में स्थित ठोरी गांव है। ओली ने यहां मंदिर बनवाने की घोषणा भी की थी।
ओली की घोषणा के बाद सीताखोला इलाका चर्चित हो गया। यहां पूजा-पाठ होने लगे। स्थानीय लोग पिलर संख्या-436 के समीप सीताखोला के पास मंदिर बनाने की तैयारी कर रहे थे। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने नेपाल के अफसरों के साथ बैठक कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को पिलर संख्या-436 के पास बैरिकेडिंग कर कुछ धार्मिक झंडे लगा दिए गए थे। इसके बाद मौके पर एसएसबी के जवानों को तैनात कर दिया गया।
भिखनाठोरी सीमा पर पहले भी कई बार विवाद हो चुके हैं।  दोनों देशों के लोगों में मारपीट भी हो चुकी है। 2005-06 में भी विवाद हुआ था। नेपालियों ने यहां एसएसबी का शिविर नहीं बनने दिया था। सीमा क्षेत्र की मपती को लेकर भी विवाद होते रहते हैं।
क्या होती है नो मेंस लैंड : जब दो देशों के बीच की सीमा निर्धारित करने के लिए कुछ भूमि छोड़ दी जाती है तो उस जगह को ‘नो मेंस लैंड’ कहते हैं। यह इलाका किसी भी देश के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इसमें सीमा निर्धारण के लिए स्तंभ या बाड़ लगा दी जाती है।

विस्तार

बिहार से सटी भारत-नेपाल सीमा पर स्थित नो मेंस लैंड (दो देशों के बीच सीमा क्षेत्र की जमीन) पर कब्जे के प्रयास का मामला सामने आया है। पश्चिमी चंपारण जिले के नरकटियागंज के भिखनाठोरी में नेपाली अतिक्रमणकारियों ने इस जमीन पर कब्जे के इरादे से तारबंदी कर धार्मिक झंडे लगा दिए थे। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची व जमीन को मुक्त करा लिया।

यह जमीन भारत के भिखनाठोरी से व नेपाल के सीताखोला के पास है। नेपाल के पूर्व पीएम केपी ओली ने जुलाई 2020 में दावा किया था कि भगवान राम का जन्म नेपाल में हुआ था। वो अयोध्या, जहां राम का जन्म हुआ था, नेपाल के वीरगंज के पश्चिम में स्थित ठोरी गांव है। ओली ने यहां मंदिर बनवाने की घोषणा भी की थी।

ओली की घोषणा के बाद सीताखोला इलाका चर्चित हो गया। यहां पूजा-पाठ होने लगे। स्थानीय लोग पिलर संख्या-436 के समीप सीताखोला के पास मंदिर बनाने की तैयारी कर रहे थे। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने नेपाल के अफसरों के साथ बैठक कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को पिलर संख्या-436 के पास बैरिकेडिंग कर कुछ धार्मिक झंडे लगा दिए गए थे। इसके बाद मौके पर एसएसबी के जवानों को तैनात कर दिया गया।

भिखनाठोरी सीमा पर पहले भी कई बार विवाद हो चुके हैं।  दोनों देशों के लोगों में मारपीट भी हो चुकी है। 2005-06 में भी विवाद हुआ था। नेपालियों ने यहां एसएसबी का शिविर नहीं बनने दिया था। सीमा क्षेत्र की मपती को लेकर भी विवाद होते रहते हैं।

क्या होती है नो मेंस लैंड : जब दो देशों के बीच की सीमा निर्धारित करने के लिए कुछ भूमि छोड़ दी जाती है तो उस जगह को ‘नो मेंस लैंड’ कहते हैं। यह इलाका किसी भी देश के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इसमें सीमा निर्धारण के लिए स्तंभ या बाड़ लगा दी जाती है।

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