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बीजेपी नेता भड़के
सिन्हा ने कहा कि नालंदा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा उन्हें सर्किट हाउस में बताया गया है कि उन क्षेत्रों में धारा144 लगा हुआ है इसलिए प्रतिनिधिमंडल को वहां जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। सिन्हा ने अकेले जाने को भी तैयार थे, लेकिन प्रशासन द्वारा उसकी इजाजत भी नहीं दी गई। बाद में मृतक के परिजनों को प्रशासन के द्वारा सर्किट हाउस लाया गया।भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने उनकी व्यथा सुनी और ढांढस बंधाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार अपराध और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। उन्होंने कहा कि इनसे बिहारशरीफ नहीं संभल रहा है तो ये विहार को क्या सम्भालेंगे।
औवसी की पार्टी की भी एंट्री बंद
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दंगा पर दोषारोपण में लगे हुए हैं। भाजपा न्यायिक जांच की मांग की है जिससे असली गुनाहगार और पनाहगार पकड़ा जा सके। सरकार को निष्पक्ष जांच करानी चाहिए और बदले की भावना से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। इधर, बिहारशरीफ जा रहे एआईएमआईएम के बिहार अध्यक्ष अख्तरुल ईमान को प्रशासन ने रास्ते में ही रोक दिया। इस बीच उनकी जिला प्रशासन के साथ जमकर कहासुनी हुई। इसके बाद भी उन्हें वापस पटना लौटना पड़ा। इस दौरान अख्तरुल ईमान ने आरोप लगाया कि सभी नेताओं के लिए छूट है, लेकिन एआईएमआईएम नेताओं को हिंसा पीड़ितों से सिर्फ मिलने तक से रोका जा रहा है।
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