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उपेंद्र कुशवाहा के पास और विकल्प भी नहीं था।
– फोटो : अमर उजाला
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जनता दल यूनाईटेड के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा आखिरकार घुटने पर आ गए। खुद को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सिपाही बता दिया। जदयू के ए टू जेड नेता बापू सभागार में कर्पूरी जयंती मना रहे थे, कुशवाहा के लिए वहां कुर्सी नहीं रखी गई थी। कुशवाहा ने अपने आवास पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को निशाने पर रखते हुए खुद को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सबसे बड़ा हितैषी करार दिया। कुशवाहा का यह बयान नीतीश कुमार के उस बयान के कुछ ही घंटे बाद आया है, जिसमें उन्होंने कुशवाहा के बोलने से कोई वास्ता नहीं बताया था। ‘अमर उजाला’ ने इस बयान के साथ कारणों का जिक्र करते हुए बता दिया था कि कुशवाहा के पास जदयू के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जबकि उनके भाजपा में जाने की अफवाह उड़ाई जा रही है।
नई-पुरानी सारी बातों से रिश्ते बताए
कुशवाहा ने नई-पुरानी हर बात की चर्चा करते हुए नीतीश से अपने रिश्ते की गहराइयों को बताने का प्रया किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सत्ता में नहीं आए थे तो संघर्ष के दौर में हम लोग मजबूती से साथ खड़े थे। सत्ता में आने के बाद भी जब नीतीश कुमार कमजोर हुए तो हम साथ आ गए। आज भी हम नीतीश कुमार को ताकत देने आएं हैं। हमने अपनी पार्टी का जदयू में विलय कराया। नीतीश कुमार को ताकत की जरूरत आज भी है और हम उनके साथ खड़े हैं। जब-जब नीतीश कुमार पर प्रहार हुआ, उपेंद्र कुशवाहा खड़ा रहा। नीतीश कुमार पर अपमानजनक शब्द कहे जा रहे थे तो उपेंद्र कुशवाहा खड़ा रहा। नीतीश कुमार को शिखंडी और भिखारी कहा गया तो सिर्फ उपेंद्र कुशवाहा खड़ा रहा है। इसी कारण राजद ने शोकॉज नोटिस जारी किया।
जदयू के कमजोर होने की वजह बताई
कुशवाहा ने कहा कि राजद के लोग कह रहे हैं कि गठबंधन में डील हुआ है। जिन लोगो ने डील किया है, वे बताएं कि क्या डील हुआ है? क्या नीतीश कुमार को हटाना चाहते हैं? इसकी जानकारी देनी चाहिए। जदयू कमजोर होगा तो अति पिछड़ा, दलित, महादलित समाज लोगों के हितों की रक्षा नहीं होगी। जदयू लगातार कमजोर हो रहा है। कर्पूरी के अरमानों के अनुकूल चलने वाली ताकत कमजोर हो रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मेरे ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हैं। मैं हाथ जोड़ कर विनती करता हूं कि मुझे गाली देना है तो दो, लेकिन जदयू को कमजोर नही करो। उन्होंने कहा कि राजद-जदयू का विलय मेरे कारण रुका। मैंने ही इसके लिए आवाज उठाई, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश का बयान सामने आया।
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