Home Bihar खेल-खेल में मेरठ से मुंगेर पहुंच गए दो मासूम, पुलिस ने 13 दिन बाद परिजनों से मिलाया तो बताई पूरी कहानी

खेल-खेल में मेरठ से मुंगेर पहुंच गए दो मासूम, पुलिस ने 13 दिन बाद परिजनों से मिलाया तो बताई पूरी कहानी

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खेल-खेल में मेरठ से मुंगेर पहुंच गए दो मासूम, पुलिस ने 13 दिन बाद परिजनों से मिलाया तो बताई पूरी कहानी

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मेरठ. सोचिए अगर किसी के बच्चे तेरह दिन तक गायब रहें तो उनका क्या हाल होगा. एक-एक दिन कैसे बिता होगा ये परिजन ही समझ सकते हैं लेकिन यूपी के मेरठ में ऐसा एक वाक्या हुआ. यहां दो बच्चों ने खेलते-खेलते प्लान बनाया और सीधे मेरठ से सैकड़ों किलोमीटर दूर बिहार के एक शहर में जा पहुंचे. दोनों पहले खतौली मुज़फ्फरनगर पहुंचे और फिर दिल्ली चले गए. दिल्ली से ट्रेन पकड़कर बच्चे अपनी नानी के यहां मुंगेर बिहार पहुंच गए.

बीती सात फरवरी को ये पूरा वाक्या हुआ. एकाएक बच्चे लापता हो गए. मेरठ के फलावदा क्षेत्र के रहने वाले पिता ने रिश्तेदारी, आस-पड़ोस में बच्चों की तलाश की. बच्चे नहीं मिले तो आठ फरवरी को आठ साल के दीपांशु और बारह साल की खुशी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. मेरठ पुलिस बच्चों की गुमशुदगी के मामले में सक्रिय हुई. एसओजी थाना पुलिस और सर्विलांस सेल एक्टिव हुआ जिसके बाद लगातार तेरह दिन बच्चों की तलाश में जुटी मेरठ पुलिस को आखिरकार सफलता मिली.

पुलिस ने दोनों बच्चों को मुंगेर (बिहार) से सकुशल बरामद कर लिया. बच्चों के पिता अमित ने बताया कि उनके लाडले खेलने गए थे और एकाएक गायब हो गए. गली मोहल्लों के कैमरे चेक किए गए. हर तरफ छानबीन की तेरह दिन बाद बच्चे जब मिले तो पिता की जान में जान आई. बच्चों के पिता मेरठ पुलिस का धन्यवाद देते नजर आए. मेरठ के एसपी देहात अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि बारह साल की खुशी और आठ साल के दीपांशु की गुमशुदगी को लेकर चार टीमें बनी थीं. एसओजी सर्विलांस थाना पुलिस की टीमें एक्टिव थी.

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सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए. रेलवे स्टेशन बस स्टेशन पर पड़ताल की गई और आखिरकार कड़ी दर कड़ी जोड़ते जोड़ते इन बच्चों को तेरह दिन उनके परिजनों को मिलाया है. उन्होंने कहा कि बारह साल की बच्ची खतौली रेलवे स्टेशन के माध्यम से दिल्ली पहुंची थी और फिर दिल्ली से बच्चे मुंगेर बिहार पहुंच गए. पुलिस की टीम ने तेरह दिन बाद बच्चों की बरामदगी कर ली है और उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है.

जब बच्चे एसपी देहात के पास पहुंचे तो किसी अभिभावक की तरह वो उन्हें समझाते नज़र आए. तेरह दिन तक पुलिस ने इन बच्चों की तलाश में दिन रात एक कर दिया और आखिरकार उन्हें सफलता मिल ही गई. इस घटना में पुलिस को सफलता तो मिल गई लेकिन माता पिता को ख़ास ख्याल रखने की ज़रुरत है और उनकी बात को ध्यान से सुनने की ज़रुरत है ताकि नादानी में कोई ऐसा कद़म न उठाएं कि उनकी ज़िन्दगी पर ही आफत आ जाए.

टैग: मेरठ न्यूज, यूपी न्यूज

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