Home Bihar ‘कॉलेज में एक भी लड़की नहीं पढ़ती थी…खराब लगता था’, सार्वजनिक मंच और CM नीतीश की यादें

‘कॉलेज में एक भी लड़की नहीं पढ़ती थी…खराब लगता था’, सार्वजनिक मंच और CM नीतीश की यादें

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‘कॉलेज में एक भी लड़की नहीं पढ़ती थी…खराब लगता था’, सार्वजनिक मंच और CM नीतीश की यादें

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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गाहे-बगाहे सार्वजनिक मंच से अपनी पुरानी यादें शेयर करते रहते हैं। मुख्यमंत्री अपने इंजीनियरिंग कॉलेज के दिनों को याद करते हुए मुस्कुरा देते हैं। उसके साथ ही उस दौर में कॉलेजों में महिलाओं की उपस्थिति और आज के दौर की तुलना कर खुश होते हैं। नीतीश कुमार ने शुक्रवार को शिक्षा दिवस के कार्यक्रम में अपनी यादों को ताजा करते हुए कह दिया कि कॉलेज में कोई लड़की आती थी, तो वे लोग उचक-उचक कर देखते थे। इससे पूर्व मई 2022 में मगध महिला कॉलेज में छात्राओं को संबोधित करते हुए भी अपनी यादें शेयर की थीं।

पुरानी यादों में खो जाते हैं सीएम
23 मई को राजधानी पटना के मगध महिला कालेज में नवनिर्मित छात्रावास के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पुरानी यादों में खो गए। छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने कालेज के दिनों को याद किया। बोले, जिन दिनों हम इंजीनियरिंग कर रहे थे। क्लास में एक भी लड़की नहीं थी। बहुत खराब स्थिति थी। कालेज में कोई महिला आती थी। तो सभी खड़े होकर उसे देखने लगते। आपको बता दें कि जब मुख्यमंत्री ने ये बातें शेयर की, उसके बाद छात्राओं ने खूब ताली बजाई। मुख्यमंत्री ने इस दौरान समलैंगिकता को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा था कि अगर लड़का-लड़का शादी कर लेंगे तो कोई पैदा होगा क्या?

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लड़कियों की भागीदारी पर बोले सीएम
नीतीश कुमार ने अपनी यादों को साझा करते हुए छात्राओं को बताया था कि उस दौरान मेडिकल और इंजीनियरिंग में लड़कियों की भागीदारी न के बराबर थी। नीतीश कुमार ने मगध महिला में ये बताया कि यहां से मेरी पत्नी और छोटी बहन ने भी पढ़ाई की थी। नीतीश कुमार इससे पूर्व भी पटना में छात्र रहने के दौरान सिनेमा देखने और अपने जवानी के दिनों में मस्ती करने की बात साझा की थी। एक बार फिर उन्होंने शुक्रवार को ज्ञान भवन में लड़कियों को लेकर अपनी बात रखी। ज्ञान भवन में आयोजित समारोह में उन्होंने अपने पुराने दिनों की याद साझा करते हुए कहा कि हमारे समय में कालेज में कोई लड़की आती थी, सभी लोग उचक-उचक कर देखने लगते थे।

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शिक्षकों को चेतावनी
ज्ञान भवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने लापरवाह शिक्षकों को भी कड़ी चेतावनी दे डाली। उन्होंने इस मौके पर कहा कि जो वेतन तो लेते हैं, लेकिन बच्चों को पढ़ाते नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग बच्चों को नहीं पढायेंगे उन्हें निकाल दिया जायेगा। हमें वैसे शिक्षकों की कोई जरूरत नहीं। जो शिक्षक पढ़ायेंगे उनका तनख्वाह भी बढ़ायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कह दिया है कि और शिक्षकों की नियुक्ति करें। इस दौरान मुख्यमंत्री पूरी तरह मूड में नजर आए। उन्होंने कहा कि सबसे पहले बिहार ने मौलाना अबुल कलाम आजाद की जंयती को शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत की। उसके बाद केंद्र सरकार से इसके लिए आग्रह किया और उस समय के तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह ने बिहार की बात सुन ली। 2008 से देश भर में मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस पर शिक्षा दिवस मनाया जाने लगा।

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मोबाइल के चक्कर में नहीं रहें-सीएम
शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने युवाओं के मोबाइल के चक्कर में फंसने को लेकर कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि मोबाइल पर अच्छी चीजों के लिए समय देना ठीक है। उन्होंने कहा कि इसी पर निर्भर हो जाना बिल्कुल सही बात नहीं है। हमें अपने आसपास के लोगों से मिलना-जुलना और बात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें खुद ऐसा लगा कि मोबाइल की लत बढ़ रही है, तो इसे छोड़ दिया। उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए कहा कि हमारे समय में कालेज में कोई लड़की आती थी, सभी लोग उचक-उचक कर देखने लगते थे। आज शिक्षा के क्षेत्र में बिहार की लड़कियां, लड़कों की बराबरी कर रही हैं। कई क्षेत्रों में लड़कियां आगे निकल गई हैं।

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बीजेपी नेताओं को कुछ नहीं पता-सीएम
शुक्रवार को उन्होंने साफ किया कि हमने मंत्री और सचिव को कह दिया है। जो लोग नहीं पढ़ाते हैं उन्हें निकाल दीजिए। अगर वह पढ़ायेंगे तो और ज्यादा दीजिए पैसा। ताकि कोई दिक्कत ना हो। इसके बाद उन्होंने बिहार सरकार के उस आग्रह का जिक्र किया, जिसमें केंद्र से निवेदन करने के बाद बिहार में आईआईटी का निर्माण हुआ। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि हमने आईआईटी के लिए जमीन दी। पटना में एनआईटी भी किसके प्रसायस से बना। हमने तत्कालीन पीएम अटली जी और मंत्री मुरली मनोहर जोशी से कहा। दोनों ने हमारी बात मानी और एनआईटी बना। उन्होंने इस दौरान बीजेपी नेताओं पर हमला बोला। कहा कि किसी को मालूम भी है कि आईआईटी कैसे बना है? ऐसे ही लोग बोलते रहता है। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार भी इन सारी बातों को लोगों तक पहुंचाएगी। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया।

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