Home Bihar कुढ़नी उपचुनाव को लेकर NBT की खबर पर लगी मुहर, जानें कौन हैं मुकेश सहनी की पार्टी के उम्मीदवार नीलाभ कुमार

कुढ़नी उपचुनाव को लेकर NBT की खबर पर लगी मुहर, जानें कौन हैं मुकेश सहनी की पार्टी के उम्मीदवार नीलाभ कुमार

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कुढ़नी उपचुनाव को लेकर NBT की खबर पर लगी मुहर, जानें कौन हैं मुकेश सहनी की पार्टी के उम्मीदवार नीलाभ कुमार

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पटना : बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में अब वीआईपी की एंट्री तय हो गई है। मुकेश सहनी ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। वीआईपी की ओर से कुढ़नी के पूर्व विधायक साधु शरण शाही के पोते नीलाभ उम्मीदवार होंगे। वीआईपी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में नीलाभ कुमार के नाम की घोषणा कर दी गई है। आपको बता दें कि सबसे पहले एनबीटी ने पाठकों को बताया था कि मुकेश सहनी इस बार कुढ़नी उपचुनाव में बड़ा खेल कर सकते हैं।

वीआईपी उम्मीदवार घोषित
वीआईपी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि 93-कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव 2022 निर्वाचन क्षेत्र से विकासशील इंसान पार्टी की ओर से सर्वसम्मति से नीलाभ कुमार को उम्मीदवार घोषित किया जाता है। आपको बता दें कि नीलाभ कुमार भूमिहार समाज से आते हैं। इलाके में उनकी पकड़ बताई जाती है। सामाजिक मुद्दों को लेकर नीलाभ हमेशा मुखर रहते हैं। उन्होंने अपने इलाके में केंद्र सरकार के कई फैसलों के खिलाफ आंदोलन किया और सड़क पर भी उतरे हैं।

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सोशल मीडिया पर सक्रिय
नीलाभ कुमार सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। सामाजिक मुद्दों और स्थानीय समस्याओं को लेकर हमेशा आवाज उठाते रहते हैं। नीलाभ ने घोषणा के तुरंत बाद अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर मुकेश सहनी के साथ तस्वीर शेयर की है। नीलाभ ने लिखा है कि मैं VIP पार्टी उम्मीदवार आप सभी 93 कुढ़नी विधानसभा के सम्मानित देव तुल्य जनता को मेरा सादर प्रणाम ! कल सुबह 10:00 बजे आप सभी मेरे कुढ़नी विधानसभा उप चुनाव के नामांकन समारोह में चंद्रहट्टी कॉलेज पर सादर आमंत्रित हैं।

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भूमिहारों को साधने की कवायद
नीलाभ भूमिहार समाज से आते हैं। सियासी जानकार मानते हैं कि इलाके में 40 हजार भूमिहार वोट हैं। जो नीलाभ कुमार को सपोर्ट कर सकते हैं। दूसरी ओर सहनी के अपने वोट भी यदि नीलाभ के साथ जुड़ते हैं, तो तस्वीर बिल्कुल अलग हो जाएगी। क्योंकि कुढ़नी में तीस हजार के करीब सहनी वोटर हैं। ऐसा होने पर नीलाभ जेडीयू के मनोज कुशवाहा और वैश्य समाज से आने वाले बीजेपी के केदार गुप्ता को कड़ी टक्कर देंगे और चुनाव की तस्वीर बदल जाएगी। कुढ़नी में वैश्य और मुस्लिम वोटरों की संख्या 38 हजार के आस-पास है। यादव तीस से 32 हजार के बीच हैं। फिलहाल, वहां कोई भी उम्मीदवार यादव नहीं है। इसलिए यादवों और बाकी वोटों में बंटवारे की बात कही जा रही है। कुढ़नी का यादव जेडीयू के साथ नहीं भी जा सकता है।

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कुढ़नी सीट का इतिहास
कुढ़नी विधानसभा में चुनावी इतिहास की बात करें, तो 90 के दशक से वहां भूमिहार जाति के विधायकों का वर्चस्व रहा। विधानसभा क्षेत्र से आखिरी बार विधायक नीलाभ के दादा ही रहे। बाद में 1995 में बसावन भगत ने वहां से जीत हासिल की क्योंकि बसावन भगत को लालू का साथ मिला था। बसावन भगत को राजद के एमवाई समीकरण का लाभ मिला। 2000 में एनडीए ने भूमिहार समाज से आने वाले ब्रजेश ठाकुर का समर्थन किया। बाद में वहीं ब्रजेश ठाकुर बालिका गृह कांड में आरोपी बना। अभी वो जेल में बंद है। 2010 में इस सीट से मनोज कुशवाहा को जीत हासिल हुई। 2015 में बीजेपी के केदार गुप्ता ने इस सीट से जीत हासिल की। उसके बाद 2020 में राजद के अनिल सहनी ने जीत हासिल की। मुकेश सहनी यदि नीलाभ को अपना उम्मीदवार बनाते हैं, तो ये साफ है कि कुढ़नी की जीत महागठबंधन और बीजेपी के लिए आसान नहीं होगी।

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