Home Bihar एसी ठेले से डोर टू डोर मशरूम की बिक्री, गया के किसान की अनूठी पहल

एसी ठेले से डोर टू डोर मशरूम की बिक्री, गया के किसान की अनूठी पहल

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एसी ठेले से डोर टू डोर मशरूम की बिक्री, गया के किसान की अनूठी पहल

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गया. मशरूम खरीदने के लिए अब ग्राहकों को बाजार जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब उन्हें गांव तथा शहर के गलियों में ही ताजा और ठंडा मशरूम सालों भर उपलब्ध हो जाएगा. ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि गया में एक मशरूम उत्पादक किसान आत्मा के साथ मिलकर ऐसी पहल की है, जिससे ग्राहकों को आसानी से मशरूम उपलब्ध हो सकेगा. गया में वृहद पैमाने पर हो रहे मशरूम की खेती को देखते हुए आत्मा के द्वारा एक नई शुरुआत की गई है.

एयर कंडीशन मशरूम ठेला के माध्यम से जिले वासियों को मशरूम उपलब्ध कराया जाएगा. जिस तरह से आइसक्रीम के ठेले में लोगों को आइसक्रीम उपलब्ध कराई जाती है, उसी तरह से मशरूम एयर कंडीशन ठेलों से उपलब्ध होगा. आत्मा मशरूम ठेले के लिए गरीब तबके के लोगों को चिह्नित करेगा और इसमें से इस कार्य के लिए उपयुक्त पाए जाने वाले व्यक्ति को ठेला सौंपेगा. इसके एवज में उचित मजदूरी के तौर पर राशि दी जाएगी. फिलहाल यह पांच एसी ठेले के साथ शुरुआत की गई है और इसे जल्द बढ़ाने की तैयारी चल रही है.

वेस्ट टू वेल्थ थीम पर काम कर रहे हैं मशरूम किसान
राजेश सिंह बताते हैं मशरूम का उत्पादन ठंड के मौसम में होता है, लेकिन जब सालों भर मशरूम की बात होगी तो मशरूम के उत्पादन तथा रखरखाव के लिए 16 डिग्री तापमान की जरूरत होती है. गर्मी के कारण मशरुम जल्द खराब हो जाता है तो इस प्रयास के साथ एसी ठेला की शुरुआत की गई है कि कंज्यूमर तक फ्रेश और ठंढा मशरूम पहुंचाई जाए. इस प्रयोग के पीछे एक सोच यह भी है कि इससे रोजगार पैदा किया जा सके.

25 हजार में आ जाता है एसी ठेला
राजेश सिंह बताते हैं कि एसी मशरुम ठेले की कीमत लगभग 25 हजार रुपए हैं. जिस हिसाब से गया के बाजारों में मशरूम का बिक्री है, इस ठेले के माध्यम से कोई भी व्यक्ति महीने का लगभग 15 हजार रुपए मशरूम बेचकर कमा सकता है. उन्होंने बताया कि मशरूम उत्पादन करने वाले महिलाओं को मशरूम सखी जबकि एसी ठेला चलाने वाले व्यक्ति को मशरूम मित्र का नाम दिया गया है और वह गलियों में घूम-घूम कर लोगों को ताजा मशरूम उपलब्ध कराएंगे. मशरूम के एक पैकेट पर मशरूम मित्र को 5 रुपए कमीशन दियाा जाएगा. अगर वह दिन भर में 100 पैकेट मशरुम बेचते हैं तो वह रोजाना 500 रुपए कमा सकते हैं.

वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के तहत गया में मशरूम का हुआ है चयन
वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के तहत गया में मशरूम फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. जिसको लेकर जिले के सभी प्रखंडों में बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती की जा रही है. मशरूम के उत्पाद को बढ़ाने के लिए जिले के 24 प्रखंड के एक-एक गांव को मशरूम विलेज के तौर पर चुना गया है. कृषि विभाग आत्मा ‌की कोशिश है कि समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों को इस व्यवसाय से जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति ठीक करें. मशरूम फार्मिंग का व्यवसाय बेहद कम लागत में शुरू की जा सकती है.

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प्रथम प्रकाशित : 18 दिसंबर, 2022, 22:03 IST

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