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बिहार विधानसभा में एक बार फिर से आरजेडी नंबर वन पार्टी बन गई है। आरजेडी के अबतक 76 विधायक थे। इसमें 4 विधायकों के जुड़ने से आरजेडी के 80 विधायक हो गए हैं। वहीं एनडीए के घटक दल बीजेपी के 77 विधायक हैं। यानी एक बार फिर से बीजेपी बिहार विधानसभा में नंबर दो पार्टी बन गई है। दरअसल, 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 74 विधायक जीते थे, लेकिन विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के 3 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने से इनकी संख्या 77 हो गई है।
2020 के विधानसभा चुनाव में किसने कितनी सीटें जीतीं
लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के सबसे ज्यादा 75, बीजेपी के 74, जेडीयू के 43, कांग्रेस 19, CPIMLL 11, AIMIM के 5, हम और वीआईपी के 4-4 विधायक जीतकर आए थे। इसके अलावा CPM के 3, CPI 2 और एलजेपी, बीएसपी और निर्दलीय के एक-एक विधायक जीतकर आए थे। इस साल मुजफ्फरपुर के बोचहां विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आरजेडी ने जीत दर्ज कर अपने विधायकों की संख्या 76 कर ली थी। 2020 में बोचहां सीट से वीआईपी के प्रत्याशी जीते थे, लेकिन उपचुनाव में यहां से बीजेपी ने एनडीए प्रत्याशी के रूप में भाग्य आजमाया लेकिन उन्हें हार मिली। पिछले करीब दो साल में एलजेपी, बीएसपी और निर्दलीय के एक-एक विधायक जेडीयू में शामिल हो गए हैं। यानी अब विधानसभा में जेडीयू के 46 विधायक हो गए हैं।
बिहार में बहुमत से कितनी दूर है RJD
बिहार में बहुमत की सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है। AIMIM के विधायकों के RJD में शामिल होने के बाद एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है क्या आरजेडी सरकार बनाने की हैसियत में है। यहां राजनीतिक गणित लगाएं तो आरजेडी के 79+कांग्रेस के 19+CPIMLL 11+ CPM के 3+ CPI के 2 विधायक एक साथ आ सकते हैं। यह आंकड़ा जोड़ें तो यह 115 विधायकों तक ही पहुंचता है। यानी AIMIM के चार विधायकों के RJD में शामिल होने के बाद भी तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी RJD बहुमत के नंबर 122 से 7 विधायक पीछे हैं।
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