Home Bihar अब MLC अफाक अहमद, Jan Suraj से जुड़ते ही चमकी किस्मत, प्रशांत किशोर का इम्पैक्ट

अब MLC अफाक अहमद, Jan Suraj से जुड़ते ही चमकी किस्मत, प्रशांत किशोर का इम्पैक्ट

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अब MLC अफाक अहमद, Jan Suraj से जुड़ते ही चमकी किस्मत, प्रशांत किशोर का इम्पैक्ट

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छपरा: बिहार विधान परिषद चुनाव में रणनीतिकार प्रशांत किशोर का इम्पैक्ट देखने को मिला। पिछले 6 महीने से बिहार के गांव-गांव की खाक छान रहे प्रशांत किशोर ने बड़ा धमाका कर दिया। प्रशांत किशोर ने अपने साथ घूम रहे बेतिया के अफाक अहमद को सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी बनवा दिया। सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी चुनाव में प्रशांत किशोर समर्थित उम्मीदवार अफाक आलम ने जीत हासिल कर लिया।

सारण सीट पर अफाक को कामयाबी

सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में विधान परिषद की सीट पर हुए उपचुनाव में जन सुराज समर्थित उम्मीदवार अफाक अहमद को अप्रत्याशित जीत मिली है। प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान के साथ शुरुआती दिनों से जुड़े अफाक अहमद को इस चुनाव में कुल 3055 मत मिले हैं। केदार पांडेय के निधन से खाली हुए इस सीट पर उन्होंने उनके पुत्र और महागठबंधन प्रत्याशी आनंद पुष्कर को 674 मतों से हराया है।

टीचर से राजनेता बनने की डगर पर अफाक

अफाक अहमद पश्चिम चंपारण के बेतिया शहर के रहने वाले हैं। वे जिले के आमना उर्दू हाई स्कूल में 35 वर्षों तक सेवा देने के बाद वीआरएस लेकर सेवानिवृत हुए थे। सामाजिक और राजनीतिक जीवन में सक्रिय रहने वाले अफाक अहमद ने बिहार में प्रशांत किशोर के शुरू किए गए जन सुराज अभियान में शुरुआती दिनों से अपना कंधा लगाया और प्रशांत किशोर की सोच और विजन के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं।

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जन सुराज अभियान में खुशी की लहर

अफाक अहमद की इस जीत पर जन सुराज अभियान में खुशी की लहर है। वहीं, दूसरे राजनीतिक दलों के लिए अफाक की जीत एक झटके के समान है। बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर की एंट्री पर कई तरह के सवाल पूछे जा रहे थे। विधान परिषद के इस चुनाव में मिली जीत के बाद जन सुराज अभियान और प्रशांत किशोर के बारे राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।

9 अप्रैल से वैशाली जिले में जन सुराज यात्रा

प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा पश्चिम चंपारण जिले से 2 अक्तूबर को भितिहरवा गांधी आश्रम से शुरू हुई थी। पश्चिम चंपारण के बाद शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान होते हुए लगभग 2500 किमी की दूरी तय कर चुकी उनकी यात्रा अभी सारण जिले में है। सारण के बाद 9 अप्रैल को उनकी पदयात्रा वैशाली जिले में प्रवेश कर जाएगी।

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