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सुमन केशव सिंह, पटना ।
जी हां, सही सुन रहे हैं आप, बिहार के गुरुजीओं (शिक्षकों की) को अब एक नई जिम्मेदारी (new order) सौंपी गई है। सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि वो अब शराबी और शराब माफियाओं (Liquor mafiya) का भी पता लगाएं। बिहार के सरकारी शिक्षक पहले ही पढ़ाने की जिम्मेदारी बड़ी मुश्किल से निभा पा रहे थे कि अब इनके कंधों पर नई जिम्मेदारी डाल दी गई है। गुरुजी ये जिम्मेदारी कितनी निभा पाएंगे ये तो वक्त ही बताएगा। लेकिन इस बात की संभावना कहीं ज्यादा है कि आपको अगली खबर ये पढ़ने को मिल जाए ‘गुरु जी की ही मदद से गांव में बेची जा रही थी शराब’ या ‘शराब माफियाओं ने गुरुजी के घर पर ही छुपा रखी थी 200 पैकेट जहरीली शराब’।
शराब माफियाओं के आगे लगभग सरेंडर कर चुकी सरकार ने आज एक और आदेश जारी किया है। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग (Education department ) की ओर से जारी इस आदेश में सभी सरकारी शिक्षकों अब शराब माफियाओं और शराब पीने वालों की सूचना देने का आदेश दिया गया है। सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि प्राथमिक माध्यमिक और विद्यालयों के सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, शिक्षिकाओं, शिक्षा सेवकों जिसमें तालीमी मरकज भी शामिल किए गए हैं और विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों को निर्देश दिया है वो चोरी छिपे शराब पीने वालों और उसकी आपूर्ति करने वालों की पहचान कर मद्यनिषेध विभाग को इसकी जानकारी दें। विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि यह सुनिश्चित करें कि विद्यालय अवधि के बाद भी वो ये सुनिश्चित करें कि स्कूल परिसर का प्रयोग चोरी छिपे शराब पीने वाले लोग न कर पाएं।
जी हां, सही सुन रहे हैं आप, बिहार के गुरुजीओं (शिक्षकों की) को अब एक नई जिम्मेदारी (new order) सौंपी गई है। सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि वो अब शराबी और शराब माफियाओं (Liquor mafiya) का भी पता लगाएं। बिहार के सरकारी शिक्षक पहले ही पढ़ाने की जिम्मेदारी बड़ी मुश्किल से निभा पा रहे थे कि अब इनके कंधों पर नई जिम्मेदारी डाल दी गई है। गुरुजी ये जिम्मेदारी कितनी निभा पाएंगे ये तो वक्त ही बताएगा। लेकिन इस बात की संभावना कहीं ज्यादा है कि आपको अगली खबर ये पढ़ने को मिल जाए ‘गुरु जी की ही मदद से गांव में बेची जा रही थी शराब’ या ‘शराब माफियाओं ने गुरुजी के घर पर ही छुपा रखी थी 200 पैकेट जहरीली शराब’।
शराब माफियाओं के आगे लगभग सरेंडर कर चुकी सरकार ने आज एक और आदेश जारी किया है। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग (Education department ) की ओर से जारी इस आदेश में सभी सरकारी शिक्षकों अब शराब माफियाओं और शराब पीने वालों की सूचना देने का आदेश दिया गया है। सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि प्राथमिक माध्यमिक और विद्यालयों के सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, शिक्षिकाओं, शिक्षा सेवकों जिसमें तालीमी मरकज भी शामिल किए गए हैं और विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों को निर्देश दिया है वो चोरी छिपे शराब पीने वालों और उसकी आपूर्ति करने वालों की पहचान कर मद्यनिषेध विभाग को इसकी जानकारी दें। विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि यह सुनिश्चित करें कि विद्यालय अवधि के बाद भी वो ये सुनिश्चित करें कि स्कूल परिसर का प्रयोग चोरी छिपे शराब पीने वाले लोग न कर पाएं।
बहरहाल, ये देखना महत्वपूर्ण होगा कि फेल पुलिस तंत्र के बाद क्या शराब माफियाओं पर शिक्षा तंत्र का दांव चलता है या शिक्षकों को मिलाकर शराब माफिया नया दांव खेल देते हैं। हांलांकि शराब की दुकानों के बाहर चलाने वाली सैंकड़ों चना, चबैना और चखना बेचने वालों ने तो नीतीश कुमार की शराबबंदी के बाद जीवीका कमाने की खड़ी हुई नई ‘चुनौतियों को अवसर’ में बदलकर दिखा दिया है। हजार रुपए दिन का कमाने वाले शराब की सप्लाई कर 10000 रोज का ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। यानी नीतीश कुमार का मंत्र ‘हमने चुनौतियों को अवसर में बदला है’ अपने ऊपर लागू कर लिया है। क्या शिक्षक भी इस चुनौती को अवसर में बदलेंगे?
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