![‘बिहार में शराबबंदी नहीं, बल्कि आर्थिक पिछड़ापन जहरीली शराब से मौत की वजह’, नीतीश के मंत्री की अजीब दलील ‘बिहार में शराबबंदी नहीं, बल्कि आर्थिक पिछड़ापन जहरीली शराब से मौत की वजह’, नीतीश के मंत्री की अजीब दलील](https://muzaffarpurwala.com/wp-content/uploads/https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-89255385,imgsize-925584/pic.jpg)
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मंत्री से दूसरे राज्यों का दिया उदाहरण
मंत्री सुनील कुमार ने उदाहरण देते हुए कहा कि भोजपुर में 2012-13 में 21 लोगों की मौत हुई थी। कैमूर में 2019 में 4, 1998 में कटिहार में 35 लोगों की मृत्यु हुई थी। मंत्री ने दूसरे राज्यों का भी उदाहरण दिया और कहा कि पंजाब में 2020 में 10 से 12 लोगों की मौत हुई थी। यूपी में 2013 में आजमगढ़ में 40 लोगों की मौत हुई थी। कर्नाटक में 2008 में 345 लोगों की मौत हुई थी।
शराब से मौत का मुख्य कारण आर्थिक वजह: सुनील कुमार
मंत्री ने बताया कि जहरीली शराब से मौत का मुख्य कारण आर्थिक वजह है। मंत्री का दावा है कि चंद धंधेबाज गलत तरीके से शराब बनाते हैं और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों इसे खरीदते हैं क्योंकि ऐसी शराब की कीमत कम होती है। मतलब साफ है कि जहरीली शराब से हुई मौत का कारण शराबबंदी कानून नहीं है। सुनील कुमार ने कहा कि अवैध शराब आर्थिक रूप से कमजोर लोग पीकर मरते हैं।
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मद्य निषेध कानून को बदनाम करने के लिए लगाते हैं ऐसे आरोप: सुनील कुमार
मंत्री की मानें तो बिहार में पहले लाइसेंसी दुकान थी, फिर भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग जहरीली शराब पीकर मरते थे। मंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल के लोग गलत नियत से मद्य निषेध कानून को बदनाम करने के मकसद से इस तरह का अनर्गल आरोप लगाते हैं।
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