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अखिलेश यादव ने शुक्रवार दोपहर बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मैं आज दोपहर पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के साथ बैठक करूंगा। अभी यह कहना संभव नहीं है कि बातचीत का नतीजा क्या निकलेगा? केंद्र सरकार महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की दुर्दशा जैसे ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार नहीं है। इसके बजाए केंद्र सरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से विपक्षी दलों को परेशान करना चाहती है।
अखिलेश यादव ने पश्चिम बंगाल में केंद्रीय एजेंसियों की हालिया बढ़ी गतिविधियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में जेल में बंद नेताओं की संख्या उत्तर प्रदेश की तुलना में काफी कम है। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कितने ही निर्वाचित विधायक और नेता हैं जिन्हें झूठे मामले में फंसाकर जेल में डाल दिया गया है। केंद्र सरकार और भाजपा किसी भी विपक्षी दल या नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को खोल रही है, जिनके बारे में उन्हें खतरा महसूस होता है।
हालांकि, विपक्षी गठबंधन का स्वरूप क्या होगा, जिसकी रूपरेखा ममता बनर्जी के साथ उनकी बैठक में तैयार की जा सकती है? इस बारे में मीडियाकर्मियों के सवाल का वह कोई सीधा जवाब नहीं देना चाहते थे। उन्होंने कहा, मीडिया के लिए सवाल विपक्षी गठबंधन हो सकता है। लेकिन, असल मुद्दा यह है कि भारत की जनता चाहती है कि बीजेपी सत्ता से बाहर हो जाए। इसकी योजना तैयार की जानी जरूरी है। इस पर हमारी चर्चा होगी।
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