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राजनीति में कोई बात ऐसे ही नहीं होती, मुलाकात तो बड़ी बात है। वो भी अगर ऐसी मुलाकात जो 6 घंटे की यात्रा कर करीब डेढ़ घंटे की हो तो सियासी मायने तलाशना लाजमी है। स मुलाकात के जरिए कौन सी रोटी सेंकी जा रही है फिलहाल ये वक्त बताएगा। मगर तेजस्वी यादव ने इस मुलाकात को काफी सीक्रेट रखना चाहते थे।
राजनीति में कोई भी मुलाकात ऐसे नहीं होती है। बात और मुस्कुराहट के बड़े राजनीतिक मायने होते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुंबई से डायरेक्ट फ्लाइट पकड़कर पटना लैंड करना और दो घंटे की मुलाकात के लिए 3 घंटे की यात्रा कितनी अहम होगी। इस मुलाकात के जरिए कौन सी रोटी सेंकी जा रही है फिलहाल ये वक्त बताएगा। मगर तेजस्वी यादव ने इस मुलाकात को काफी सीक्रेट रखना चाहते थे। इस रहस्य की वजह से राजनीतिक कयास लगने लाजमी हैं। वैसे बिहार ने अभी हाल में इफ्तार के जरिए सरकार बदलते देखा है। राजनीति के जानकारों का एक मत ये भी है कि महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के बाद उद्धव ठाकरे को बिहार की याद आई है। वो तेजस्वी यादव के जरिए बिहार की जनता को साधना चाहते हैं। जो महाराष्ट्र में उनके वोटर साबित हो सकते हैं।
‘मराठी मानुष’ को याद आए ‘भइया’
बताते चलें, आदित्य ठाकरे मुंबई से 11 बजे चलेंगें। उनका विमान 2 बजे पटना एयर पोर्ट पर लैंड करेगा। इसके बाद वो सीधे तेजस्वी यादव से मुलाकात करने उनके आवास पर जाएंंगे। वहां करीब दो घंटे मुलाकात होगी और वहां से 5 बजे वापस मुंबई के लिए पटना से रवाना होंगे। माना जा रहा है इस मुलाकात के जरिए एक तीर से कई निशाने साधने की तैयारी। मगर इस बीच दोपहर के लंच के दौरान तेजस्वी और आदित्य क्या बात करते हैं मुलाकात के बाद ही पता चलेगा। केवल बिहारी वोटरों को साधने के अलावा शिवसेना के मन क्या चल रहा है। ये तो वक्त बताएगा। लेकिन ये बात तो तय बिहार के लोगों ने अपनी ताकत मराठी मानुषों को भी दिखा दी है।
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