Home भोजपुरी एक्ट्रेस Yamini Singh ने उठाया भोजपुरी इंडस्ट्री के काले सच से पर्दा, जानकर आपके भी उड़ जाएंगे होश

एक्ट्रेस Yamini Singh ने उठाया भोजपुरी इंडस्ट्री के काले सच से पर्दा, जानकर आपके भी उड़ जाएंगे होश

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एक्ट्रेस Yamini Singh ने उठाया भोजपुरी इंडस्ट्री के काले सच से पर्दा, जानकर आपके भी उड़ जाएंगे होश

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भोजपुरी सिनेमा में पिछले कुछ दिनों से देखने के लिए मिल रहा है कि हर कोई बिना किसी का नाम लिए एक-दूसरे पर निशाना साध रहा है. ऐसे में हाल ही में एक्ट्रेस यामिनी सिंह ने भी एक पोस्ट (Yamini Singh Post) डाली थी, जिसमें लिखा था, ‘हमारी इंडस्ट्री में जितना लोगों को बचपना आता है. उतना अगर काम कर लेते तो शायद हम भी और की तरह किसी बड़ी रेस का हिस्सा बनते, ना कि चलती रेस में बाजू बैठकर ताली मारते.’ इस पोस्ट और इंडस्ट्री में इन दिनों क्या चल रहा है. इसे लेकर एक्ट्रेस यामिनी सिंह (Yamini Singh) ने News 18 hindi से एक्सक्लूसिव बातचीत की है.

न्यूज 18 हिंदी से बात करते हुए यामिनी सिंह ने कहा, ‘भोजपुरी में आना अपने सपनों को मार कर आने के बराबर है. मैं भोजपुरी इंडस्ट्री में किसी से डरती नहीं हूं. सही तो सही और गलत वाले प्वाइंट पर हमेशा रहती हूं. मैं इस इंडस्ट्री में इकलौती ऐसी हीरोइन हूं जो बड़े हीरो के साथ कभी काम नहीं की हूं. सिर्फ दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh lal yadav Nirahua) के साथ काम किया था और उसमें साइड रोल था. मैंने वही एक फिल्म की थी उसके बाद मैंने खुद का लोगों के खिलाफ स्टैंड लेना शुरू किया.’

‘डायरेक्टर ने कहा-तुम भोजपुरी के लायक नहीं हो’

यामिनी सिंह ने कहा कि ‘मैं पुणे में जन्मी और बड़ी लखनऊ में हुई थी. बाद में मैंने अपनी ग्रैजुएशन पुणे से ही किया था. मेरा बिहार से कोई ताल्लुक नहीं है. मैंने इंजीनियरिंग की है और जब मैं इसकी पढ़ाई कर रही थी तो इस दौरान मैंने मराठी एलबम किया और उसी के जरिए मुझे पहली भोजपुरी फिल्म ऑफर हुई थी. वो बड़े स्टार पवन के अपोजिट हुई थी और जब मैं मीटिंग के लिए गईं और जिस तरीके से मुझे डायरेक्टर देख रहा था. उसे देखकर मुझे लग रहा था कि वो फिल्म ही करवाना चाहता है या कुछ और? निर्देशक ने मुझे देखकर कहा कि आप भोजपुरी के लायक नहीं हो. ये बात सुनकर मैं शॉक्ड रह गई. मैंने सोचा जब मैं भोजपुरी के लायक नहीं हूं तो फिर कौन है इसके लायक. मैंने कभी भोजपुरी देखी नहीं थी तो लगा देखना तो चाहिए कि भोजपुरी फिल्में करता कौन है और आज भी मैं भोजपुरी फिल्में देखती नहीं हूं. सिर्फ अपनी फिल्मों के अलावा. वो भी अपनी फिल्में इसलिए देखती हूं ताकि मैं जान सकूं कि डायरेक्टर ने बनाया क्या है. क्योंकि जब हम शूट करते हैं तो हमें पता नहीं होता है कि क्या चल रहा है.’

चैलेंज को पूरा करने के लिए भोजपुरी में की एंट्री

यामिनी सिंह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘मुझे भोजपुरी देखने का कोई शौक नहीं है. मैं तो हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्में ही देखती हूं. उस वक्त ये मुझे थोड़ा चैलेंजिंग लगा. जब मैंने भोजपरी फिल्में देखा और एक्ट्रेस देखा तो लगा कि जब मैं इसके लायक नहीं हूं तो यहां कौन लायक है. यहां ऐश्वर्या राय आ रखी हैं? मुझे भोजपुरी में नहीं आना था मैं तो अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करना चाहती थी लेकिन, बाद में डायरेक्टर की बात मेरे दिमाग में घूमती रही तो मैंने भोजपुरी देखना शुरू किया और जानने कि कोशिश की कि हीरो कौन है और हीरोइनें कैसी हैं तो ये सब देखकर मैंने डायरेक्टर को जवाब देने के बारे में सोचा कि भोजपुरी फिल्म करके दिखाउंगी. 3 महीने भोजपुरी की रिसर्च करने के बाद मैंने अपनी पहली फिल्म अरविंद अकेला कल्लू (Arvind Akela kallu) के साथ ‘पत्थर के सनम’ (Patthar ke Sanam) साइन की.’

हर हीरो की एक पर्सनल हीरोइन है- यामिनी सिंह

जब एक्ट्रेस ने भोजपुरी में एंट्री कर ली तो इसके बाद का अनुभव शेयर करते हुए कहा, ‘मैंने यहां पर देखा कि भोजपुरी में कुछ क्या बहुत सी चीजें ऐसी हैं, जो सही नहीं हैं. आज के हिसाब से तो जो भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री थी, वो अब भोजपुरी एलबम इंडस्ट्री बन चुकी है. फिल्मों का पैसा घटाते जा रहे हैं और एलबम का पैसा बढ़ाते जा रहे हैं. क्योंकि यहां पर लोगों को फिल्में नहीं बनानी हैं. यहां पर तो बस बिजनेस के उद्देश्य से फिल्में बनाई जाती हैं. यहां के मेकर्स को कोई फर्क नहीं पड़ता है. भारत को भले ही मां कहा जाता है, लेकिन ये पुरुष प्रधान देश है. जहां देश ही मां है वहां पुरुषों का राज है. हमारी संस्कृति बड़ी ही दोगली टाइप की है. चाहे जैसे हमें यहीं जीना है और यहीं मरना है. भोजपुरी में एक चीज कॉमन है कि हर हीरो की एक पर्सनल हीरोइन और प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स की एक हीरोइन है तो ऐसे में हम जैसे लोग कहां जाएं. मुझे पता है कि मेरी पहुंच इनसे भी ऊपर है और मैं किसी की भी गर्लफ्रैंड बनकर काम नहीं करना चाहती.’

ऐसे तय होता है भोजपुरी फिल्मों का बजट- यामिनी सिंह

फिल्मों के बजट को लेकर यामिनी सिंह कहती हैं, ‘यहां फिल्मों का बजट हीरो को देखकर तय किया जाता है. अगर हीरो तय है तो आधा बजट उसे देखकर तैयार कर दिया जाता है और जब हीरोइन आती है तो बाकी का 50 प्रतिशत बजट बनकर पूरा हो जाता है. लेकिन जब पेमेंट की बारी आती है तो भोजपुरी इंडस्ट्री में हीरो के मुकाबले हीरोइनों को कुछ भी पैसा नहीं दिया जाता है. ना के बराबर पैसा दिया जाता है. यहां पर हीरोइनों को इतना पैसा दिया जाता है कि उनसे ज्यादा तो बाहर इंजीनियरिंग की हुई एक लड़की पैसे कमाती होगी.’

‘भोजपुरी की हीरोइनें मुंबई के लोकल ट्रेन के जैसे हैं’

यामिनी आगे बात करते हुए कहती हैं, ‘जिसका इंडस्ट्री में कोई नहीं है. जैसे कोई मेकर या हीरो बॉयफ्रेंड हो. उसकी लाइफ बहुत ही धीरे चल रही है. ऐसी यानी मेरे जैसी जिसका कोई नहीं है वो इस इंडस्ट्री में रहकर मर्सिडीज खरीदने के सपने नहीं देख सकती. यहां मिलने वाले पैसों से बस नॉर्मल लाइफ जी सकती हूं. यहां पर तो ऐसा है कि हीरोइनें मानें मुंबई की लोकल ट्रेन हैं. वो हर 6 मिनट में आती रहती हैं. हर फिल्म में यहां एक नया चेहरा देखने के लिए मिल जाता है. ऐसा लगता है कि पुरानी वाली को ना जाने कितनी इज्जत दे दी है कि नई की जरूरत पड़ गई. वो लड़कियां यहां पर इसलिए आती हैं क्योंकि वो कहती हैं कि सर मुझे काम दे दीजिए बदले में आप जो कहेंगी हम वो करेंगे. यहां कभी भी कुछ नहीं बदलेगा. पहले जब मैं यहां फिल्मों में आई थी तो 50-60 लाख में फिल्में बनती थीं, लेकिन आज एलबम के चक्कर में फिल्मों का 25 लाख आ गया है. महज इतने कम पैसों में फिल्में बनाई जाती हैं. फिल्म के इस बजट में तो गाड़ी नहीं खरीद पाऊं और ये फिल्म बना देते हैं. यहां सब विनाश काले विपरीत बुद्धि हैं.’

अक्षरा-खेसारी लाल के गानों को लेकर दिया बड़ा बयान

‘भोजपुरी में मेकर्स और एक्टर्स को लगता है कि अगर हिंदी गानों को गा दो तो ये परिवर्तन हैं. ये भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री का परिवर्तन नहीं है बल्कि एलबम को बढ़ावा दिया जा रहा है. पवन सिंह ने इसकी शुरुआत की और लोग इसी पर रेंगे जा रहे हैं. अक्षरा सिंह और खेसारी लाल यादव जो कर रहे हैं उन लोगों को लगता है कि वो भोजपुरी इंडस्ट्री को बढ़ा रहे हैं. लेकिन ये गलत है. वो पहले तो अपने आपको बढ़ा रहे हैं और भोजपुरी की एलबम इंडस्ट्री को बढ़ा रहे हो.’

3 साल में पहचाना बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस- यामिनी

अब अगर मैं भोजपुरी के अवॉर्ड्स की बात करूं तो यहां पर अवॉर्ड दिए जाते हैं वो पहले से ही तय होता है कि बेस्ट एक्ट्रेस और एक्टर कौन होगा. अवॉर्ड्स को खरीदा जाता है. मैंने 2018 में डेब्यू किया था और मुझे बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस का अवॉर्ड 2021 में दिए गया. जिसे ये जानने में 3 साल लग गए कि मैं एक बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस थी तो उस इंडस्ट्री को ये जानने में 30 साल भी लग जाएंगे कि मैं एक बेस्ट एक्ट्रेस भी हूं.

इन तीन हीरोइनों को मिलते हैं सही पैसे- यामिनी

मैंने अपनी पहली फिल्म बिना पैसे लिए किया था. वो इसलिए की फिल्म अच्छी बनाई जा सके. क्योंकि मेरा मानना था अगर मेरा पैसा उनको ज्यादा लग रहा है तो ठीक है नहीं लेती मगर फिल्म अच्छी होनी चाहिए और मैंने पैसे इसलिए भी नहीं लिए क्योंकि यहां बोला जाता है कि जो नया होता है उसे पैसे कम मिलते हैं. यहां पर अक्षरा सिंह, आम्रपाली दुबे और काजल राघवानी को ही ज्यादा पैसे दिए जाते हैं क्योंकि यहां पर मान लिया गया है कि बस वो ही तीन हैं.

11 हजार में भी काम करने के लिए तैयार हैं यहां हीरोइनें- यामिनी सिंह

भोजपुरी इंडस्ट्री में जो स्टार एक्ट्रेस हैं उन्हें बस 6-7 लाख रुपए ही दिए जाते हैं. बाकी तो छोटी हीरोइनें 15-20 हजार में भी काम करने के लिए तैयार हैं. आज के समय में भोजपुरी में हीरोइन 11 हजार में भी काम करने के लिए तैयार हैं. ये है हमारी भोजपुरी इंडस्ट्री. इसके अलावा जो खबरों में चलता है कि इनकी इतने लाख-उतने लाख फीस है वो सब छलावा है. अगर अपनी फीस 3.50 लाख मांग लूं तो प्रोड्यूसर्स फोन कट करके दूसरे हीरोइनों को बुला लेते हैं. यहां मेकर्स को एक्ट्रेस नहीं चाहिए. यहां तो उनके बजट में जो आ जाए वो सब चलेगा. कोई भी हो.

लंदन में लोग ‘लौंडियाबाजी’ करने जा रहे हैं- यामिनी सिंह

लंदन और दुबई में इन दिनों फिल्मों की शूटिंग की जा रही है. इसका इंडस्ट्री में बहुत तगड़ा क्रेज चल रहा है. लेकिन आपको बता दूं कि इनके पास कोई परमिशन नहीं होती है और वो वहां की सड़कों पर बस कैमरा लेकर दौड़ रहे होते हैं. सीधी सी एक शब्द में अगर कहूं तो लोग वहां पर बस लौंडियाबाजी करने जा रहे हैं.

भोजपुरी हीरोइनों की फिटनेस पर क्या बोलीं यामिनी सिंह

भोजपुरी फिल्मों में एक्ट्रेस की ही उतनी डिमांड नहीं होती है तो उसका फिगर क्या मैटर करता है. यहां तो लोग और मेकर्स हीरोइनों को उनकी बढ़ती उम्र और फिगर को लेकर भाभी कहते हैं. लेकिन कास्ट भी उन्हें ही करते हैं. मैं कहती हूं कि अगर उन्हें ही कास्ट करना है तो कहते क्यों हो. अगर कहना है तो नहीं होरोइन देखो, जो एक्ट्रेस की तरह लगे. जिसके पास सिर्फ अनुभव ही ना हो टैलेंट भी हो. फिल्मों में हीरोइन के फिगर को लेकर यामिनी सिंह ने कहा कि ‘जब यहां 12 दिन में फिल्में बना दी जाती हैं तो एक्ट्रेस कैसे अपना फिगर बनाएगी. इसमें हीरोइनों का कोई दोष नहीं है. सिर्फ ज्यादा खाने से ही नहीं बल्कि बिना टाइम के खाने-पीने से भी हेल्थ खराब होती है. मैं खुद ऐसी सिचुएशन झेल चुकी हूं.’

यहां हर चीज हीरो के लिए होती है- यामिनी

भोजपुरी सिनेमा में जितना हीरो के लिए किया जाता है. उसके एक प्रतिशत ही हीरोइन के लिए किया जाता है. अगर एक्ट्रेस कुछ बोल दे तो लोग कहते हैं कि उसमें तो बस गुस्सा है. लोग कहते हैं कि आम्रपाली जी बहुत गुस्सा दिखाती हैं. अरे वो बहुत अच्छी फैमिली से ताल्लुक रखती हैं और मैं खुद अच्छी फैमिली से हूं तो हमें कम से कम एक ढंग का गद्दा तो दो रेस्ट करने के लिए. यहां पर हीरो को फर्स्ट स्वीट रूम दिया जाता है और हीरोइन को सेकंड रेस्ट रूम देते हैं. यहां पर ये लोग प्राथमिकता बस हीरोज को देते हैं. भोजपुरी बस सबकुछ हीरोज के लिए किया जाता है. इतनी पेमेंट दी नहीं जाती है कि हम एक जिम ट्रेलर रख लें और अपनी फिटनेस पर ध्यान दें और यहां तो पेमेंट में भी झोल होता है कि पूरी फीस मिलेगी भी कि नहीं. यहां ये भी फिक्स नहीं है.

इस समय कुछ हीरोइनें जो अपनी फिटनेस पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं. उनके पास कोई काम नहीं है. इसलिए क्या करें वो? जब काम नहीं है तो कम से कम फिटनेस ही देख लें. इस समय बहुत सी हीरोइन फिटनेस पर ध्यान दे रही हैं. भोजपुरी में अगर औरत की इज्जत सच में हुई होती तो आज भोजपुरी इंडस्ट्री सच में कहीं और होती.

साउथ एक्ट्रेस के भोजपुरी में आने को लेकर बोलीं यामिनी सिंह

साउथ सिनेमा से एक्ट्रेस का भोजपुरी में आने को लेकर यामिनी सिंह ने कहा कि ‘अगर उन्हें वहां काम मिलता तो वो यहां क्यों आती? सामंथा और रश्मिका जैसी हीरोइनें यहां पर क्यों नहीं आतीं. वहां अगर उन्हें काम मिल रहा होता भोजपुरी में जो एक्ट्रेस साउथ से आ रही हैं वो कभी नहीं आतीं. पर वहां तो कोई पूछता नहीं है इसलिए चले आए भोजपुरी में और देखने वाली बात तो ये है कि यहां पर भी कोई नहीं पूछ रहा है. क्योंकि आपने अपने आपको नहीं पहचाना. अपना टैलेंट नहीं दिखाना चाह रहे हो.’

भोजपुरी एक्टर्स के विवादों पर क्या बोलीं यामिनी सिंह

भोजपुरी में पिछले महीनों ही देखा गया है कि पवन सिंह और खेसारी लाल यादव के बीच विवाद हुआ था और ऐसे में इंडस्ट्री में दो गुट हो गए थे. इन सब चीजों को लेकर यामिनी सिंह ने कहा कि ‘इंडस्ट्री में सब लड़ाई करके आगे बढ़ रहे हैं. कॉन्ट्रोवर्सी करके आगे बढ़ रहे हैं. मैं कहती हूं काम करो. इंडस्ट्री को बड़ा करो. आप जो कह रहे हो अगर आप उसे करके दिखाते तो ज्यादा अच्छा रहता. हम भोजपुरी को आगे बढ़ाएंगे मैं ये मोर्चा 3 साल से सुन रही हूं पर ये समझ नहीं आ रहा है वो इसे बढ़ा रहे हैं कि घटा रहे हैं.’

अगर यामिनी सिंह के वर्कफ्रंट की बात की जाए तो उन्होंने कहा कि वो यश कुमार के साथ ‘भूल भुलैया’, ‘सुंदरी’, विक्रांत सिंह राजपूत, रितेश पांडे और मधु शर्मा के साथ ‘तू तू मैं मैं’, ‘नया विवाह’ और ‘दुल्हन तो जाएगी दूल्हे राजा के साथ’ जैसी फिल्में आ रही हैं.

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