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ओकर खाली पांचवा सप्ताह में कलेक्शन 5 करोड़ के लगभग हो गइल बा. एह सप्ताहन के जवन कलेक्शन रिपोर्ट आइल ह, ओ में सर्वाधिक कमाई वाला हिन्दी पट्टी के राज्य में बिहार दुसरा तीसरा नंबर पर बा. ओइसे भी साउथ के सिनेमा के तरफ बिहार के ऑडियंस बहुत पहिले से शिफ्ट हो चुकल बिया. सैटेलाइट पर सबसे ढेर साउथ के फिल्म चलेला, उ पेड चैनल होखे भा फ्री टू एयर चैनल. यूट्यूब भी बिहार झारखंड के दर्शकन के साउथ सिनेमा देखे में मदद कइले बा. एहीसे जाहिर बा कि तेलुगु के सुपरस्टार अल्लु अर्जुन के पुष्पा अपना व्होलसम मसाला पैकेज के साथे दर्शकन के सिनेमाघर में खिंचबे करी. सवाल बा कि भोजपुरी सिनेमा के कर्णधार लोग के नींद अभियो खुली कि ना?
“पुष्पा नाम सुनकर फ्लावर समझे क्या, फायर हूँ मैं”. साँचो पुष्पा फायर ही बा. बॉक्स ऑफिस पर आग लगा देहले बा. जब कोरोना के चारु ओर हाहाकार बा, तब भारत के क्षेत्रीय भाषा तेलुगु के फिल्म पुष्पा राष्ट्रीय भाषा हिन्दी के साम्राज्य वाला क्षेत्र में आपन झण्डा गाड़ रहल बा. ऊपर से सिनेमाघर में ओकरा के चुनौती देबे खातिर हिन्दी के एगो बड़ स्टारकास्ट वाली फिल्म ‘83’ भी बा. 83 जेंगा बड़ बजट पर, 3डी में बनावल गइल रहल ह आ पूरा जोर शोर से प्रमोशन कर के रिलीज भइल ह, पुष्पा के ओकरा सामने टीके के कवनो मौका ना रहल ह. बाकिर एहीके कहल जाला जनता के मन. जनता के मन जेकरा इओर हो गइल, उहे राजा हो गइल. पुष्पा फिल्म में जवन मास अपील बा, जवन एगो मसाला मनोरंजन बा, उ दर्शक बहुत दिन से खोजत रहले हं आ जब अइसन फिल्म मिलल ह त बस सगरी प्यार पुष्पा के भेंटा गइल ह. बेचारा 83 आपन बजट भी नइखे निकाल पवले आ तबले पूरा भारत में सिनेमाघर में पाबंदी लागल चालू हो गइल बा. पुष्पा अभियो सिनेमाघर में चल रहल बा अउरी वर्ल्डवाइड 325 करोड़ के कमाई कर चुकल बा. जे में खाली हिन्दी वर्जन 88.50 करोड़ रुपिया कमइले बा. 90 करोड़ के आंकड़ा जल्दिये छुए वाला बा. अब सोचीं कि लोग ओटीटी पर रिलीज भइला के बादो बड़ा पर्दा पर देखे जा रहल बा, हे कोरोना के महामारी में. ई ओ सब ट्रेड पंडित लोग के करारा जवाब बा जे कहत रहल ह कि ओटीटी के आधिपत्य अइला के बाद अब सिनेमाघर के जादू ओरा जाई.
कुछ दिन पहिले अजय देवगन के स्टेटमेंट आइल रहे कि स्पाइडरमैन – नो वे होम के हिन्दी वर्जन इहाँ आके दू सौ करोड़ के कमाई कर लेत बा अउरी हिन्दी के फिल्मन के बजट भी नइखे निकल पावत. उनकरे लेखां ई सवाल एह बेरा हिन्दी फिल्म उद्योग के सगरो बड़ अभिनेता, निर्माता अउरी निर्देशक के मन में उमड़त होई. पुष्पा भी दोसरा इंडस्ट्री में उहाँ के स्टार के साथे बनल फिल्म ही ह जवन हिन्दी में खाली डब भइल बिया. जब हिन्दी में डब भइल फिल्म एतना बढ़िया कमा रहल बाड़ी सन त हिन्दी के फिल्मन के साथे का भइल बा. पहिला – दूसरा लहर के बाद से खुलल सिनेमाघर में रिलीज भइल हिन्दी फिल्मन में मात्र सूर्यवंशी ही अइसन फिल्म बा जवन बढ़िया कलेक्शन कइले बिया आ सुपरहिट के तमगा लेहले बिया; ना त अउरी कवनो हिन्दी फिल्म नइखे जवन बढ़िया प्रदर्शन कइले होखे. 2020 के दिसंबर में आइल कूली नंबर 1 भी बॉक्सऑफिस पर कमाई कइले रहे बाकिर आपना सेन्सलेस स्टोरी के चलते आलोचना भी पवलस.
अजय के एह सवाल पर बहुत लोग के प्रतिक्रिया भी आइल. बाकिर, ई चर्चा छिड़ गइल बा कि हिन्दी सिनेमा के प्लेट से दोसर केहू आके निवाला खा जात बा अउरी हिन्दी निर्माता निर्देशक कुछ नइखे कर पावत लोग. हालांकि ई बात खाली चर्चे ले रही कि एह पर कुछ काम भी शुरू होई, ईश्वर जानें. लेकिन, आपन लचर आ रीमेक फिल्मन के अधिकता के चलते हिन्दी सिनेमा बसा गइल बा. पिछला साल सुशांत सिंह राजपूत के असमय मौत आ ड्रग्स स्कैंडल में आइल इंडस्ट्री के सगरी बड़ नाम हिन्दी फिल्म उद्योग के छवि पर जल्दी ना मिटे वाला धब्बा लगवले बा. अब लोग के लगे ओटीटी के नाम पर ऑप्शन बा अउरी एही हिन्दी जगत के सुलझल लोग बढ़िया कंटेन्ट दे रहल बा. फिल्मन में स्टार आ कुछ विशेष निर्माण कम्पनियन के एकाधिकार के चलते जवन रीमेक आ धड़ल्ले से बायोपिक के आंधी चलल बा, ओहसे दर्शक भी निजात खोजे लागल बा.
हम ई बात भले हिन्दी के संदर्भ में कहत बानी बाकिर ई हूबहू भोजपुरी सिनेमा पर भी लागू हो रहल बा. इहाँ भी स्टार कल्चर बा, स्टार के निर्णय पर सब कुछ फाइनल होखे वाला परंपरा बा. कुछ – एक निर्माण कम्पनियन आ निर्माता लोग के एकाधिकार बा. नया लोग के फफेलिया के इंडस्ट्री से बाहर कर देबे वाला गुंडागर्दी भी इहाँ बा. ओकरा बाद बेतुक के कहानी, हिन्दी आ साउथ फिल्मन के सस्ता रीमेक, कई गो फिल्मन के घोल-मट्ठा के बोलबाला भोजपुरी सिनेमा में बा. कहानी आ गीत लेखक से बंधुआ मजदूर लेखां काम करा के, फिल्म के बजट के अधिकतर माल स्टार के झोरी में उझिले वाला ट्रेंड भोजपुरी में बा. एही के चलते एगो दूर के क्षेत्रीय भाषा के फिल्म, सगरो भोजपुरिया लोगन के तथाकथित भैया, बेटा कहाये वाला स्टार लोग के कगरिया के दमदार कमाई कर रहल बिया आ अभियो बिहार में झण्डा गाड़ के चल रहल बिया.
महाराज! ई पब्लिक ह, सब जानेले. ई केहू के ना हियs, जेने एकर मन करी, ओने जाई. अगर रउआ फिल्मन में, कंटेन्ट में दम बा त साधी ना त माथा पिटीं. अब भोजपुरिया निर्माता निर्देशक लोग एह खतरा के भांप भी सकेला लोग कि ना, ई त ओ लोग के विवेक जानो!
( लेखक मनोज भावुक भोजपुरी साहित्य व सिनेमा के जानकार हैं.)
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