[ad_1]
नयी दिल्ली:
सप्ताहांत में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त पांच न्यायाधीशों ने 34 की स्वीकृत शक्ति के मुकाबले न्यायाधीशों की संख्या को 32 तक ले जाने के बाद सोमवार को शपथ ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने पांच न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई।
नियुक्त किए गए लोगों में जस्टिस पंकज मिथल, संजय करोल, पीवी संजय कुमार, अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और मनोज मिश्रा हैं।
सुप्रीम कोर्ट के छह सदस्यीय कॉलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर को शीर्ष अदालत में न्यायाधीश पद के लिए सभी पांच नामों की सिफारिश की थी। कानून मंत्री ने 4 फरवरी को नियुक्तियों को मंजूरी दी थी।
सुप्रीम कोर्ट और केंद्र के बीच कोलेजियम सिस्टम के एक प्रमुख फ्लैशप्वाइंट बनने की पृष्ठभूमि में न्यायाधीशों ने शपथ ली, जजों द्वारा जजों की नियुक्ति के तंत्र के साथ एक गहन बहस छिड़ गई, जिसमें परंपरा से हटकर, कानून मंत्री किरेन की तीखी टिप्पणियां देखी गई हैं। रिजिजू हाल के दिनों में
श्री रिजिजू ने हाल ही में कॉलेजियम प्रणाली को भारतीय संविधान के लिए “विदेशी” बताया था, जबकि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम और 2015 में एक संबंधित संविधान संशोधन अधिनियम को खारिज करते हुए सर्वोच्च न्यायालय पर सवाल उठाया था। .
एनजेएसी कानून के जरिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली को एक नए तरीके से बदलने की मांग की थी।
[ad_2]
Source link