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नयी दिल्ली:
चालक की गलती या अन्य कारकों के कारण ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा विकसित एक प्रणाली बालासोर में पटरियों पर उपलब्ध नहीं थी, जहां कल रात तीन ट्रेनें टकराईं, जिसमें 230 से अधिक लोग मारे गए। लगभग 900 लोग घायल हो गए।
भारतीय रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा, “बचाव अभियान पूरा हो गया है। हम बहाली का काम शुरू कर रहे हैं। कवच प्रणाली इस मार्ग पर उपलब्ध नहीं थी।”
बालासोर में शाम सात बजे ट्रेन का एक डिब्बा पटरी से उतरने के बाद तीन ट्रेनें आपस में टकरा गयी थीं.
कवच एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है, जिसे तीन भारतीय फर्मों के साथ संयुक्त रूप से अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन द्वारा विकसित किया गया है।
कवच न केवल लोकोमोटिव चालकों को लापता खतरे के संकेतों से बचने और गति को नियंत्रित करने में मदद करता है, बल्कि कम दृश्यता की स्थिति में ट्रेनों को सुरक्षित रूप से चलाना भी सुनिश्चित करता है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने व्यक्तिगत रूप से ‘कवच’ प्रणाली का परीक्षण किया था। श्री वैष्णव ने पिछले साल मार्च में ट्वीट किया था, “रियर-एंड टक्कर परीक्षण सफल रहा है। कवच ने आगे के अन्य लोकोमोटिव के 380 मीटर से पहले स्वचालित रूप से लोकोमोटिव को रोक दिया।”
रियर-एंड टक्कर परीक्षण सफल रहा।
कवच ने आगे के अन्य लोको के 380 मीटर से पहले लोको को स्वचालित रूप से रोक दिया।#भारतकाकवचpic.twitter.com/GNL7DJZL9F– अश्विनी वैष्णव (@ अश्विनी वैष्णव) 4 मार्च, 2022
यदि चालक समय पर ब्रेक नहीं लगाता है तो कवच स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन की गति को नियंत्रित करता है।
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