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गैंगस्टर अनिल दुजाना, जिसके खिलाफ 60 से अधिक मामले दर्ज थे, गुरुवार को मेरठ में उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा मुठभेड़ में मारा गया। वह गौतम बौद्ध नगर के दुजाना गांव के रहने वाले थे।
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दुजाना पहली बार पुलिस के रडार पर 2002 में आया था जब उसने गाजियाबाद में एक शख्स की हत्या कर दी थी। उस पर कवि नगर इलाके में हरबीर सिंह पहलवान की हत्या का मामला दर्ज किया गया था। गैंगस्टर के खिलाफ 62 मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या के 18 मामले और बाकी डकैती, जबरन वसूली और जमीन हड़पने के मामले शामिल थे। अनिल दुजाना शस्त्र अधिनियम और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।
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गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 रायफल से हमला कर वह अपराध की दुनिया में बड़ा नाम बन गया था। साजिश सुंदर के प्रतिद्वंद्वी नरेश भाटी ने रची थी, जो एक गैंगस्टर भी था, जिसने अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए दुजाना को काम पर रखा था। उन्होंने नवंबर 2011 में सुंदर भाटी के भतीजे की शादी को तोड़ दिया और गैंगस्टर पर गोलियों की बारिश कर दी। घटना में तीन लोगों की मौत हो गई लेकिन भाटी फरार हो गया।
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एक साल बाद, अनिल दुजाना को दुस्साहसी गोलीबारी के लिए गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया। प्रतिशोध में सुंदर भाटी ने दुजाना के भाई को मार डाला।
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दुजाना लोगों को डराने के लिए अपने आदमियों का इस्तेमाल कर जेल से अपना गिरोह चलाता था। 2019 में दुजाना गिरोह के सदस्यों ने दिल्ली के एक व्यापारी से 50 लाख रुपये की मांग की थी। गैंगस्टर को 2021 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन उसने उसी साल अक्टूबर में फिर से एक व्यापारी को धमकी दी और 1 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी। उन्हें कई मामलों में अदालत में तलब किया गया था, लेकिन वे सभी सुनवाई से चूक गए। यूपी पुलिस ने उस पर 75 हजार रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी।
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2021 में जमानत मिलने के बाद अनिल दुजाना ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली पूजा नाम की महिला से शादी कर ली। सगाई एक अदालत में हुई जहां गैंगस्टर एक मामले में सुनवाई के लिए पहुंचे थे।
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दुजाना पहली बार पुलिस के रडार पर 2002 में आया था जब उसने गाजियाबाद में एक शख्स की हत्या कर दी थी। उस पर कवि नगर इलाके में हरबीर सिंह पहलवान की हत्या का मामला दर्ज किया गया था। गैंगस्टर के खिलाफ 62 मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या के 18 मामले और बाकी डकैती, जबरन वसूली और जमीन हड़पने के मामले शामिल थे। अनिल दुजाना शस्त्र अधिनियम और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।
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गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 रायफल से हमला कर वह अपराध की दुनिया में बड़ा नाम बन गया था। साजिश सुंदर के प्रतिद्वंद्वी नरेश भाटी ने रची थी, जो एक गैंगस्टर भी था, जिसने अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए दुजाना को काम पर रखा था। उन्होंने नवंबर 2011 में सुंदर भाटी के भतीजे की शादी को तोड़ दिया और गैंगस्टर पर गोलियों की बारिश कर दी। घटना में तीन लोगों की मौत हो गई लेकिन भाटी फरार हो गया।
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एक साल बाद, अनिल दुजाना को दुस्साहसी गोलीबारी के लिए गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया। प्रतिशोध में सुंदर भाटी ने दुजाना के भाई को मार डाला।
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दुजाना लोगों को डराने के लिए अपने आदमियों का इस्तेमाल कर जेल से अपना गिरोह चलाता था। 2019 में दुजाना गिरोह के सदस्यों ने दिल्ली के एक व्यापारी से 50 लाख रुपये की मांग की थी। गैंगस्टर को 2021 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन उसने उसी साल अक्टूबर में फिर से एक व्यापारी को धमकी दी और 1 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी। उन्हें कई मामलों में अदालत में तलब किया गया था, लेकिन वे सभी सुनवाई से चूक गए। यूपी पुलिस ने उस पर 75 हजार रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी।
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2021 में जमानत मिलने के बाद अनिल दुजाना ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली पूजा नाम की महिला से शादी कर ली। सगाई एक अदालत में हुई जहां गैंगस्टर एक मामले में सुनवाई के लिए पहुंचे थे।
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