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योगी ने कहा कि मार्च 2017 तक स्टेट एक्साइज में 12 हजार करोड़ मिलते थे, आज ये राशि 45 हजार करोड़ की होने जा रही है। ये पैसा चोरी होता था तो लोग इंग्लैंड में होटल और ऑस्टेलिया में टापू खरीदते थे। जिस पैसे से गरीब, किसान, युवा बुजुर्ग के लिए योजनाएं बनाने के लिए खर्च होना चाहिए था। हमने बिना डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ाये ये काम किया है। आज यूपी में सबसे कम रेट है।
सीएम योगी ने एक बार फिर विपक्ष को घेरते हुए कहा कि मैंने कल भी कहा था कि समस्या के समाधान के दो रास्ते होते हैं, या तो उसमें भाग लो या उससे भाग लो। हमारे पास समाधान करने वाली टीम है। जब हम वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते हैं तो वो जाति की बात करते हैं। जब हम ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की बात करते हैं तो वह जाति की बात करते हैं। जब हम बजट की बात करते हैं तो वो जाति की बात करते हैं। ये सब जानते हुए कि इसी कारण ये यूपी के नौजवानों के सामने पहचान का संकट खड़ा हुआ था। इस संबंध में एक बड़े विद्वान ने कहा था कि समस्या का समाधान इस बात पर निर्भर करता है कि आपका सलाहकार कौन है। दुर्योधन का सलाहकार शकुनि था और अर्जुन के सलाहकार श्रीकृष्ण थे।
मानस विवाद पर योगी ने कहा कि ये उनके संस्कार होंगे कि अपनी विरासत को कोस रहे हैं। मध्यकल के महान संत तुलसीदास पर टिप्पणी की गई। उनकी विरासत की ओर देश और दुनिया आकर्षित होती है। तुलसीदास के साथ जुड़ा किस्सा है, जब उन्होंने मानस लिखना प्रारंभ किया था तो पोथी चोरी हो जाती थी लेकिन समस्या देने वाले की हस्ती कितनी ही बड़ी क्यों न हो जब ईश्वर की कृपा होती है, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। योगी ने कहा कि तुलसीदास ने भारत का मार्गदर्शन करने वाला महाकाव्य दे दिया।
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