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यूपी में एक बड़ा मुद्दा सुरक्षा और कानून व्यवस्था का है। योगी सरकार के बुलडोजर मॉडल की तारीफ खूब हुई है। यूपी चुनाव में बुलडोजर बाबा के रूप में विख्यात हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को यूपी की जनता का समर्थन मिला और सरकार बनी। मार्च 2017 में सत्ता संभालने के बाद योगी सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए कड़े ऐक्शन का फरमान जारी किया। यूपी पुलिस ने इन 6 सालों में 10,814 एनकाउंटर किए। इसमें 179 अपराधियों को मार गिराया है।
चाहे कानपुर में पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला बिकरू का विकास दुबे गैंग हो या फिर प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या करने वाला अतीक अहमद गैंग। योगी सरकार अपराधियों और माफियाओं के प्रति सख्त रवैया अपनाए हुए है। मुख्तार अंसारी और उसके गिरोह के खिलाफ भी पिछले 6 सालों से ऐक्शन जारी है। इतना ही नहीं, भ्रष्टाचार में लिप्त आजम खान जैसे नेताओं के खिलाफ भी ऐक्शन लगातार जारी है।
प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में दो आरोपियों के पिछले दो सप्ताह में पुलिस एनकाउंटरों में मारे गए हैं। इन मामलों के बाद से यूपी में पुलिस एनकाउंटरों का मुद्दा एक बार फिर गरमाया है। उमेश पाल मर्डर केस में पांच मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। उन पर इनाम दोगुना कर 5 लाख रुपए कर दिया गया है।
विपक्षी नेताओं ने योगी सरकार की एनकाउंटर और बुलडोजर पॉलिसी के खिलाफ सवाल उठाया है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं ने हालिया एनकाउंटर मौतों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि असली दोषियों को पकड़ने में नाकाम पुलिस ऊपरी दबाव में जिसे पकड़ रही है, उसे मार रही है। इसके साथ ही बुलडोजर भी जबरन चला दिए जा रहे हैं।
हालांकि, एनकाउंटर के मसले पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि ऐसा नहीं है कि राज्य में एनकाउंटर की पॉलिसी है। सरकार क्राइम पॉलिसी के तहत जीरो टॉलरेंस को लेकर सख्त है। इसके अलावा एनकाउंटर के किसी भी मामले में हमें सुप्रीम कोर्ट, मानवाधिकार आयोग या ऐसे अन्य निकायों ने प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है। उमेश पाल केस पर उन्होंने कहा कि एसटीएफ काम कर रही है। अपराधी जल्द गिरफ्त में होंगे।
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