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दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, ‘आरएसएस में 18 साल का नौजवान प्रचारक जैसे ही कदम रखता है वैसे ही कसम लेता है कि न विवाह करूंगा, न संपत्ति अर्जित करूंगा, न चुनाव लडूंगा, न सांसद बनूंगा, न विधायक बनूंगा। केवल देश के लिए राष्ट्र निर्माण को समर्पित हो जाता है। क्या ऐसे आरएसएस को राहुल कौरव कह रहे हैं। इसका मतलब है कि क्या राहुल खुद को पांडव बता रहे हैं।
दिनेश प्रताप आगे पूछते हैं कि अगर वह पांडव हैं तो क्या पांडवों ने कभी भरी सभा में अपनी बहन को इस तरह से चूमा था जैसे 50 साल की उम्र में राहुल गांधी ने किया। यह सब हमारी संस्कृति में नहीं है।
इतना ही नहीं कभी कांग्रेसी रहे दिनेश प्रताप सिंह ने सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘जब रायबरेली जाने की बात आती है तो सोनिया गांधी कहती हैं कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। लेकिन उसके बाद वह बेटे की भारत जोड़ो यात्रा में उनके साथ चलते हुए नजर आती हैं। साल 2024 में वह सांसद नहीं रहेंगी। इस तरह वह रायबरेली छोड़ने वाली अंतिम विदेशी होंगी।
उन्होंने आगे पूछा, ‘क्या सोनिया गांधी इस बात से इनकार कर सकती हैं कि वह विदेशी हैं? क्या कांग्रेस का कोई नेता कह सकता है कि सोनिया गांधी विदेशी नहीं हैं? वह विदेशी थीं इसीलिए वह प्रधानमंत्री नहीं बन पाईं। हमने बड़ी मुश्किल से विदेशियों को देश से बाहर किया और आजादी पाई। भारतीय किसी भी विदेशी को अपने शासक के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे।’
इससे पहले अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल ने हरियाणा में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, ’21वीं सदी में भी कौरव हैं जो खाकी हाफ पैंट पहनते हैं और शाखा लिए होते हैं।… यात्रा में किसी का धर्म नहीं पूछा गया। अगर कोई गिरा तो उसे उठाया गया…पांडवों ने कुछ गलत किया था? पांडवों ने नोटबंदी, GST लगाई थी? पांडव कभी ऐसा नहीं करते क्योंकि पांडव तपस्वी थे और वो जानते थे कि ये सब इस धरती के तपस्वियों के साथ चोरी करने का तरीका है।’
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